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आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आज़ादी के क्या मायने हैं?

आज़ादी

आज़ादी

“हम आज भी अपने माँ-बाप से अपनी चॉइस के लिए लड़ रहें हैं, जैसे अपने करियर को चुनने की आज़ादी।”

क्या यह मुद्दा आपको जाना पहचाना लग रहा है? भारत में, चयन की स्वतंत्रता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा प्राप्त है। खुलकर बोलने से लेकर अपने पसंद के कपड़े पहनने तक, युवा भारत ने अपने चयन के अधिकार को बहुत गंभीरता से लिया है।

लेकिन रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आज़ादी का असली मतलब क्या है? इस संवैधानिक अधिकार के कितने अलग-अलग पहलू हैं? हम अपने अधिकारों के लिए कैसे खड़े होते हैं और कैसे यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारी स्वतंत्रता हमारे साथी नागरिकों को हानि ना पहुचाएं।

यह कुछ मुख्य सवाल हैं जिनके जवाब इस फिल्म के माध्यम से ढूंढने की कोशिश की गई है। यह फिल्म युवाओं के अनुभवों और घटनाओं की केस स्टडी है, जो कि अतीत में घटित ही हुई हैं।

इनके द्वारा चयन की स्वतंत्रता या फ्रीडम ऑफ चॉइस का विभिन्न पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की गई है। यहां देखें-

आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आज़ादी के क्या मायने हैं? Youth ki Awaaz और We the people के साथ चर्चा में शामिल होकर अपने विचार आज ही पब्लिश करें।

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