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क्या 2020 ओलंपिक में मेडल्स की संख्या बढ़ाने में सफल होगा भारत?

ओलंपिक

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वर्तमान परिवेश में सभी महत्वपूर्ण विषयों में से एक प्रमुख विषय खेलों का है, जो कि ना केवल मानसिक विकास को मज़बूती प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसे वर्ग में आपको स्थापित करता है, जहां इंसान निरंतर बेहतरीन से बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सदैव प्रयासरत रहता है।

बीते कुछ दिनों में भारतीय खिलाड़ियों ने उन तमाम खेलों (ओलंपिक खेलों से सम्बन्धित) में ना सिर्फ शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि देश का नाम भी रौशन किया। भारत में खेलों के प्रति लोगों की दिवानगी तो है मगर उसका दायरा एक-दो खेलों तक ही सीमित है।

बीते कई दशकों की बात की जाए तो गिनती के ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलंपिक में अपने शानदार खेल के बल पर देश को गौरव का पल दिया है। आगामी ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए भारतीय खेल मंत्रालय द्वारा बहुत से प्रयोग किए गए, जिसके सार्थक परिणाम भी नज़र आए।

खैर, यह कहना भी ज़रूरी है कि खेल मंत्रालय को अपनी कोशिशों एवं कार्यक्रमों में तेज़ी दिखाने की आवश्यकता है, जिससे भारत देश आगामी ओलंपिक 2020 में अपने पदकों की संख्या में इज़ाफा कर सके। हमें यह भी मानना होगा कि बीते कुछ दिनों में तमाम खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से देशवासियों को प्रभावित ज़रूर किया है।

हिमा दास। फोटो साभार: Getty Images

हिमा दास, सौरभ चौधरी, मुहम्मद अनस, लवलिना बोरगोहेन, बजरंग पुनिया और मनु भाकर आदि ने अपने खेलों के ज़रिये देश का नाम ऊंचा किया है। हमें यह भी समझना होगा कि इन खिलाड़ियों ने ना सिर्फ अपने-अपने खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन किया, बल्कि क्रिकेट को भगवान की तरह माने जाने वाले देश में अन्य खेलों के प्रति लोगों की दिलचस्पी को भी बढ़ाया।

बीते कई ओलंपिक खेलों की बात की जाए तो भारत का कोई खास दबदबा नहीं रहा है। साल 2016 के रियो ओलिंपिक से भारत को काफी उम्मीदें थी मगर देश की झोली में महज़ दो मेडल आए।

इसके पीछे तकनीकी तौर पर कई वजहें हो सकती हैं मगर बेहतरीन कोच एवं संसाधन युक्त मैदानों की कमी भी बड़ी समस्या है। इन सबके बीच जिस तरह से क्रिकेट के अलावा भी अन्य खेलों में खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, वह काबिल-ए-तारीफ है।

यह स्पष्ट हो गया है कि देश के युवाओं की रूचि ओलंपिक से सम्बंधित खेलों के प्रति बढ़ रही है और वे देश को ओलंपिक में बेहतर स्थान दिलाना चाहते हैं। हमें इस बात को भी स्वीकारना होगा कि हमारे देश में अब भी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं, जिन्हें निखारने की ज़रूरत है। ये वैसे युवा हैं जो अधिक से अधिक मेडल्स जीतना चाहते हैं मगर दूर-दराज़ के इलाकों तक खेल मंत्रालय के कार्यक्रमों की पहुंच ना होने की वजह से प्रतिभाएं खत्म होती जा रही हैं।

आज ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के बल पर देशवासियों को गौरव का पल दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2020 के टोक्यो ओलंपिक में ये खिलाड़ी क्या कमाल दिखाते हैं। इन सपने को साकार करने के लिए ज़रूरी है कि देशवासी निरंतर अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहें ताकि उनके अंदर और बेहतर करने का जुनून कायम रहे।

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