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प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने के ये हैं 6 बेहतरीन विकल्प

फोटो साभार- Pixabay

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सिंगल यूज़ प्लास्टिक को भारत में बैन करने की बात जब से चली है, तब से बहस का मुद्दा यह है कि विकल्प के तौर पर क्या हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं? या ज़िम्मेदार नागरिक होने की बात करने वाले भारतीयों के पास सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विकल्पों पर चर्चा करने या प्रयोग में लाने की मानसिकता है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि इससे पहले भी राज्य सरकारों द्वारा या ज़िला स्तर पर प्लास्टिक बैग्स बैन किए गए थे मगर कुछ वक्त बाद ही वे फिर से प्रयोग में आने लगे। सबसे पहले तो हमें बाज़ार की ज़रूरत को समझने की आवश्यकता है।

आप इस तरह से समझिए कि सिंग्ल यूज़ प्लास्टिक बैन का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ इन प्रोडक्ट्स को बैन कर रहे हैं, बल्कि इस पूरे व्यवसाय से जुड़े तमाम मज़दूरों और बड़े स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को वैकल्पिक नौकरी के तौर पर आप क्या दे रहे हैं?

फोटो साभार- Flickr

आम भाषा में कहूं तो पॉलिथीन के विकल्प के तौर पर हमारे ज़हन के कागज़ के डोंगे ही आते हैं। कागज़ की बड़ी थैली में आप ढंग से 5 KG  प्याज़ भी नहीं ला सकते हैं, क्योंकि उसमें अधिक वजन उठाने की क्षमता नहीं है। आइए एक बार विस्तार से बात करते हैं सिंगल यूज़ प्लास्टिक्स के छह विकल्पों के बारे में-

लेख के ज़रिये सिंगल यूज़ प्लास्टिक के जिन विकल्पों पर हमने बात की है, आज हमें इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा करने की आवश्यकता है। सिर्फ यह कह देने के नहीं होगा कि प्लास्टिक को हम बैन कर देंगे, बल्कि वैकल्पिक संसाधनों पर बात करनी होगी और यह भी देखना होगा कि इनसे स्थानीय इलाकों में किस हद तक हम रोज़गार का सृजन कर पाते हैं।

इसके साथ ही उन कंपनियों को वैकल्पिक व्यवस्था के साथ जोड़ने पर विचार करने की ज़रूरत है, जो अभी तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक्स का निर्माण कर रही है। वर्षों से बनी बाज़ार व्यवस्था की इस इमारत को आप अचानक धवस्त करने की बात नहीं कर सकते हैं, इस पर सरकार को मंथन करना होगा।

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