आरक्षण विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब
चेत सको तो चेत,
वर्गीय अधिकार और व्यवस्था ध्वस्त करें
जातीय अहंकार को प्रस्त करें।
देश तोड़ख लोगों श्रम करो, बेईमानी छोड़ो रहम करो
अब तक खाया खूब सताया, अब नैतिकता वाला कर्म करो,
अयोग्यता, दलित-पिछड़े पर थोपा है, खुद देश पर कालिख पोता है
गर भारत का संविधान बचाना है, तो भागीदारी देते जाना है।
वर्ग बना आरक्षण व्यवस्था, पहले खुद को संवारा है
दूसरे की बारी जब आई, तो तुमको नहीं गवारा है,
संभल जाओ वर्ना देश बंटेगा, पूना पैक्ट का वादा तुम्हारा है
आरक्षण कोई भीख नहीं, यह अधिकार हमारा है।
समुद्र मंथन काल में बेईमान हो तुम, मैं कैसे कहूं नीतिवान हो तुम
कुटिल सवर्ण और दलित दलालों पर, पैनी नज़र भी रखना है,
अपने अधिकार को लेने हेतु, धीरण से आगे बढ़ना है
मानव अधिकार संविधान है देगा,
यह भी ध्यान में रखना है।