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बरेली की यह लड़की महिलाओं को मुफ्त में बांटती है सैनिटरी पैड

शिल्पी

शिल्पी

बेटियों के संदर्भ में यह कहना गलत नहीं होगा कि किस्मत वालों के नसीब में ही बेटियां होती हैं। वहीं, सभी बेटियां अपने माता-पिता की प्रिय होती हैं मगर इस लेख के ज़रिये जिस बेटी की बात की जा रही है, उनका नाम है शिल्पी सक्सेना जिन्हें लोग बरेली की बेटी भी कहते हैं। इन्होंने कई क्षेत्रों में बरेली का नाम रौशन किया है।

एक प्रसिद्ध कवियत्री और समाज सेविका के तौर पर शिल्पी सक्सेना अपने नाम को सार्थक करते हुए फैशन के क्षेत्र व खेलों में भी अपने विद्यालय और बरेली का नाम बाहर तक रौशन कर रही हैं।

“बेटियों को कम नहीं मानना चाहिए। उन्हें भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए।” ऐसा कहना है शिप्ली के पिता राकेश सक्सेना का। शिल्पी यूपीएससी की तैयारी कर देश सेवा के ज़रिये अपने दायित्वों को पूर्ण करना चाहती हैं।

शिल्पी को बचपन से ही लिखने का काफी शौक था, जिसके बाद पिता का प्रोत्साहन मिलने पर उन्होंने काव्यपाठ भी प्रारंभ किया। उन्होंने बरेली व भारत के कई राज्यों में काव्यपाठ भी किया है।

शिप्ली, स्कूल के समय से कई आशुभाषण, काव्यपाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता और मंच संचालन आदि में भाग लेती रही हैं। शिल्पी ओझ लिखने के लिए भी जानी जाती हैं और इनकी रचनाएं श्रृंगार आदि में भी हैं। इन्होंने माहवारी जैसे विषय पर भी कविता लिखी है। शिल्पी की रचनाओं की प्रशंसा प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास भी कर चुके हैं।

दोस्तों संग महिलाओं के बीच सैनिटरी पैड बांटती शिल्पी।

शिल्पी ने बरेली कॉलेज से वाणिज्य में पोस्ट ग्रैजुएशन किया व शिक्षा में हमेशा आगे रहने के साथ-साल 2018 में मिस कॉमर्स भी रही हैं। सन् 2018 में शिल्पी सक्सेना ने लखनऊ में आयोजित मिस यूपी का खिताब भी अपने नाम किया, जिससे यह साबित होता है कि शिल्पी अपने नाम की तरह सौन्दर्य से भी परिपूर्ण हैं।

शिल्पी सक्सेना ‘पैड बैंक‘ समाजिक संस्था की सदस्य भी हैं। वह टीम के साथ मलिनबस्ती, ग्रामीण क्षेत्र व विद्यालयों में जाकर माहवारी से जुड़ी भ्रांतियों व तथ्यों के प्रति महिलाओं को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें फ्री में सैनिटरी पैड बांटती भी हैं।

शिल्पी ने फुटबॉल में विश्वविद्यालय का भी प्रतिनिधित्व किया है। वह फुटबॉल के साथ-साथ योग, टेबल टेनिस और वॉलीबॉल आदि में भी निपुण खिलाडी है। उनका कहना है कि खेल-कूद से व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक विकास में उन्नति होती है।

इनको पशुओं के प्रति भी बहुत लगाव है। वह अपने घर के आस-पास सभी पशुओं की दोस्त के तौर पर भी जानी जाती है। उनके लिए खाना, बीमार होने पर चिंता व्यक्त करना व शीघ्र उपचार उपलब्ध करना इनके पशु प्रेम को दर्शाता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बरेली की बेटियों के लिए शिल्पी एक मिसाल है।

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