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बिहार में भारी बारिश के बीच जे. पी. कॉलेज में मनाई गई भगत सिंह की जयंती

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के बैनर तले जे. पी. कॉलेज, नारायणपुर में शहीद भगत सिंह की जयंती मनाई गई।

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि भगत सिंह के सपनों के भारत में मनुवादी गुलामी, जातिगत भेदभाव, सांप्रदायिकता और देशी-विदेशी पूंजी की लूट के लिए कोई जगह नहीं हो सकती लेकिन आज़ाद भारत में बदलती सरकारों ने भगत सिंह के सपनों की हत्या की है।

डॉ. मुकेश कुमार ने कहा कि भगत सिंह के लिए आज़ादी का मतलब केवल अंग्रेज़ों का जाना भर नहीं था। वह सामाजिक-आर्थिक विषमता का खात्मा चाहते थे। वह मज़दूर, किसानों और मेहनतकशों का राज कायम करना चाहते थे लेकिन आज़ाद मुल्क के सामने भगत सिंह का सपना चुनौती बनकर आज तक खड़ा है।

देश बेचने वाली सरकार

वर्तमान केन्द्र सरकार भगत सिंह के सपनों को विपरीत दिशा में ले जा रही है। वह मुट्ठीभर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के लिए सबकुछ कर रही है। मतलब जल, जंगल, ज़मीन, सरकारी संपत्ति और उपक्रम पूंजीपतियों को सौंप रही है। इसके साथ ही देश को बेच रही है और गुलाम बना रही है।

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के संरक्षक गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि भाजपा और आरएसएस भगत सिंह के सपनों के नए भारत के सबसे बड़े दुश्मन हैं। आरएसएस ने अंग्रेज़ों की चापलूसी की और देश की आज़ादी की लड़ाई से गद्दारी की थी।

आज केन्द्र की सत्ता पर काबिज़ होकर भाजपा और आरएसएस मनुवाद को मजबूत कर रही है। सांप्रदायिक उन्माद और उत्पात फैला रही है तथा आजा़दी, लोकतंत्र व संविधान को खत्म कर रही है।

संघर्ष के रास्ते ही सच्ची श्रद्धांजलि

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के राज्य संयोजक अंजनी ने कहा कि भगत सिंह के वारिसों को आज शिक्षा, रोज़गार के अधिकार और देश की आजा़दी, लोकतंत्र व संविधान को बचाने की लड़ाई को तेज़ करना होगा। संघर्ष के रास्ते चलकर ही भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि देश आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है। बेरोज़गारी, मंहगाई और बदहाली बढ़ रही है। छात्र, नौजवान और आम आवाम त्रस्त है मगर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को टैक्स छूट दे रही है। शिक्षा को भी देशी-विदेशी कॉरपोरेटों के हवाले करने के ज़रिये व्यापक आबादी को शिक्षा से वंचित करने की साजिश आगे बढ़ रही है।

कार्यक्रम के संयोजन में सुमित सिल्लू, हंसराज कुमार, अनुपम आशीष, ऋतुराज, सोहराब बाबू, सूरज और अंकुश आदि लोग मौजुद थे। मौके पर सुमित यादव, पंकज, मोनी, आज़मी, हसीना, संतोष यादव, समरजीत यादव, अमित, आजमी, हसीना, देवराज, प्रवीण, बिट्टू, अंकित और विशाल सहित कई लोग थे।

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