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लैंडर विक्रम से संपर्क टूटना चंद्रयान मिशन की असफलता नहीं है

चंद्रयान -2 भारत का चंद्रमा की सतह पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने वाला पहला वैज्ञानिक प्रयास है। इस प्रयास को हम एक बड़ी सफलता और असफलता दोनों ही तरह देख सकते हैं।

22 जुलाई 2019 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया चन्द्रयान-२ पूर्णत: स्वदेशी यानी कि भारत में ही निर्मित यान था जिसे इसरो के वैज्ञानिको ने बनाया था। इसका कुल लॉन्च वज़न 3877 किग्रा,  विक्रम लैंडर 1471 किग्रा और  प्रज्ञान 27 किग्रा था।

चंद्रयान-2, लैंडर और रोवर को चंद्रमा पर लगभग 70 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर स्थित दो क्रेटरों मैंजिनस सी और सिमपेलियस एन के बीच एक उच्च मैदान पर लैंड करना था। अगर यह मिशन सफल हो जाता तो भारत चांद की सतह पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाता ।

चंद्रयान-2 महत्वपूर्ण क्यों था?

चंद्रयान 2 कई मायनों में महत्वपूर्ण था। जैसे-

  1.  भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश होता।
  2. चन्द्रयान-2 पहला भारतीय मिशन है जो पूर्णत: स्वदेशी तकनीकी से बना है।
  3. इसके साथ ही भारत विश्व में चांंद की सतह पर लैंड करने वाला चौथा देश बन जाता।
विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने से पहले चंद्रयान के मूवमेंट पर नज़र रखते इसरो के वैज्ञानिक, फोटो क्रेडिट- इसरो ट्विटर अकाउंट

चन्द्रयान-2 की असफलता

22 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-२ का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण किया था। दिनांक 07 सितंबर 2019 को रात्रि 02 बजे यह चंद्रमा की सतह पर लेंड करने वाला था लेकिन तब चंद्रमा के धरातल से 2.1 किमी ऊपर विक्रम लैंडर का इसरो से सम्पर्क टूट गया।

असल मायने में यह एक छोटी असफलता है क्योंकि इसरो ने बाकी अपने हर स्टेप को सफलता पूर्वक प्राप्त किया है।लॉन्च के समय धरती से चांद की दूरी करीब 3 लाख 84 हजार 400 किमी थी। चन्द्रयान 2 चंद्रमा की सतह से महज़  2.1 किमी दूरी पर था जब यह इसरो के सम्पर्क से दूर चला गया।

भारत सहित पूरे विश्व ने की सराहना

भले ही इसरो चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग से चूक गया हो, चाहे इसरो के वैज्ञानिक इसे एक बड़ी चूक समझ रहे हो लेकिन भारत और विश्व के तमाम लोग इसरो के इस मिशन की सराहना कर रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो सेंटर पहुंच कर इसरो के वैज्ञानिकों को सराहा और भूटान के प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करके भारत और इसरो के वेज्ञानिकों की हौसला अफज़ाइ की।

भारत के तमाम राजनेता जैसे मायावती, राहुल गाँधी और बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हस्तियां जैसे अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, क्रिकेटर विराट कोहली ने भारत के देशवासियों समेत इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की।

लैंडर की लोकेशन पता चल गई है

लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद इसरो प्रमुख के सिवान ने बताया कि उन्हें लैंडर की लोकेशन पता चल गई है। ऑर्बिटर द्वारा लैंडर की तस्वीरें आई हैं जिससे पता चला है कि जहां पर लैंडर विक्रम को लैंड होना था, वह अपनी जगह से करीब 500 मीटर दूर है

इसरो ने बताया कि वे लगातार ऑर्बिटर के साथ लैंडर का संंपर्क साधने की कोशिश कर रहें हैं लेकिन ऐसा लगभग असंभव है।  लैंडर से संपर्क करने के लिए इसरो के पास करीब 12 दिन हैं क्योंकि उसके बाद सूरज की रोशनी वहां नहीं पहुंच पाएगी और लैंडर का सोलर सिस्टम काम नहीं कर पाएगा।

इसके साथ ही अभी चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में सफलता पूर्वक चक्कर लगा रहा है जो अब इस मिशन को आगे बढ़ाएगा और चंद्रमा की सतह से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण जनकारियां एकत्रित करके धरती पर भेजेगा।

हालांकि इसरो ने अभी तक हार नहीं मानी है और वह लैंडर से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रही है।

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