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अमेज़न जल नहीं रहा, इसे जलाया जा रहा है

19 अगस्त को ब्राज़ील के सबसे बड़े शहर साओ पाउलो पर धुएं के काले घने बादल मंडरा रहे थे। यह काले बादल अमेज़न के जंगल में लगी आग के बादल थे, जो साओ पाउलो से 3000 किमी दूर हैं। जब दक्षिण अमेरिका के सबसे महंगे शहर पर आग का असर दिखा, तब इसे अंतरराष्ट्रीय संज्ञान मिला।

ब्राज़ील के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आई.एन.पी.ई.) ने पहले ही जून-जुलाई के महीने में बढ़ती आग के बारे में आगाह किया था। 29 अगस्त को आई.एन.पी.ई. ने नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की सहभागिता से की गई जांच में पाया कि ब्राज़ील में 2019 में 40000 से भी ज़्यादा आग लगी हैं।

यह खतरे की बात है क्योंकि आग में पिछले साल से 43% बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार बोलिविया, पराग्वे और पेरू में भी आग की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। यह सीधे तौर पर खतरे का पैगाम है।

हर साल लगती है जंगलों में आग

जंगलों में आग लगना कोई असाधारण या डरावनी गतिविधि नहीं है। गर्मी के सूखे मौसम में सूखे पत्तों के घर्षण से आग लगना मामूली और प्राकृतिक बात है। गाँववासी नियमित समय पर जंगलों की सतह पर सुखी झाड़ियों और पत्तों को आग लगाते हैं। इसके दो बड़े फ़ायदे हैं।

लेकिन अमेज़न में लगी आग अलग है, यह एक खतरनाक घटना है। यह आग प्राकृतिक नहीं है, बल्कि इसे विश्व के कॉरपोरेट्स लगा रहे हैं।

यह आग कॉरपोरेट्स की चाल है?

ब्राज़ील के प्रेसिडेंट ज़यर बोल्सनरो माइनिंग और एग्रीकल्चरलिस्ट लॉबिस्ट के ताक़तवर लोगों के जरिए ही प्रेसिडेंट बने। जनवरी में उनके प्रेसिडेंट बनने के बाद से अमेज़न की आग में बहुत इज़ाफा हुआ है।

यह होना लाज़मी भी है क्योंकि अब उनपर खुलेआम आरोप लग रहें हैं कि वे माइनिंग के मालिकों और एग्रीकल्चरलिस्ट्स को प्रसन्न करने के लिए जंगल को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने आई.एन.पी.ई. के अध्यक्ष रिकॉर्डों गलवाओ को मन-माने तौर से हटाया क्योंकि वे अमेज़न के संकट को उजागर कर रहे थे। बोल्सनरो ने अपनी बनाई नीतियों में वातावरण संरक्षण को कोई महत्व नहीं दिया है।

अमेज़न खुद-ब-खुद नहीं जल रहा, बल्कि इसे जानबूझकर जलाया जा रहा है। अमेज़न पूरे पृथ्वी के वातावरण को संभालता है, ऑक्सीजन देता है, बारिश देता है और भिन्न-भिन्न जीव-जंतुओं को घर देता है। कोई मूर्ख ही होगा जो इसे जलाएगा। सिर्फ मूर्ख नहीं, स्वार्थी और घमंडी।

ब्राज़ील के राष्ट्रपति जे़यर बोलस्नरो और विरोध प्रदर्शन करते ट्राईबल, फोटो साभार- जे़यर बोलस्नरो की फेसबुक प्रोफाइल और यूट्यूब

ट्राइबल महिलाओं ने ऊठाई आवाज़

13 अगस्त को ब्राज़ील की ट्राइबल महिलाओं ने करीब 20000 की संख्या में महा रैली निकालकर प्रेसिडेंट ज़यर बोल्सनरो की नीतियों को वातावरण और जनजातियों के लिए “नर-संहार” (genocide) कहकर उनका विरोध किया था।

उनका कहना है कि प्रेसिडेंट जन-जातीय लोगों को हटा कर अमेज़न को कंपनियों को देना चाहते हैं। 1960 में इक्वाडोर में तेल कंपनियां आई थी और उसका नुकसान आज भी अमेज़न के जनजातियां  झेल रही हैं।

यू.एस, कनाडा और यूरोप की कंपनियों जैसे टेक्साको के तेल ड्रिलिंग से यहां प्रदूषण और लोगों में ला-इलाज बीमारियाँ फैली। मुआवज़े की बात हो रही पर आज भी इस पर कोई काम नहीं हुआ है।

सिर्फ अमेज़न ही नहीं जल रहा

ऐसा हाल सिर्फ ब्राज़ील का नहीं है। विश्व के अन्य देश भी ऐसी ही नीतियां अपना रहे हैं। अमेज़न को इतनी लोकप्रियता मिली क्योंकि 670 मिलियन हेक्टेयर में फैला यह सबसे बड़ा वर्षा-वन है, जो प्रति वर्ष 2 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड को शुद्ध करता है।

पर पृथ्वी के कम प्रसिद्ध जंगल हर साल कम हो रहे हैं। सरकार इन जंगलों की कटाई को क्लीयरेंस दे रही है, और हम चुप ही हैं।

विश्व में “डेवलपमेंट और ग्रोथ” का ऐसा मॉडल लागू किया जा रहा है जो वातावरण के खिलाफ है। यह ग्रोथ प्रकृति की कीमत पर ही आती है। दिल्ली का अरावली रिजर्व, मुंबई काआरे जंगल,ओड़िशा का नियामगिरि, अरुणाचल का दिबांग या दक्षिण अमेरिका का अमेज़न, सभी जगह प्रकृति और वहां के लोगों पर हमला है।

अमेज़न में सिर्फ आग नहीं लगी है। माइनिंग से नदियों में मरक्यूरी जैसे ज़हरीली पदार्थ मिल रहे हैं, तापमान बढ़ रहा और अकाल फैल रहा है।

अगर अमेज़न को बचाना है तो हमें विश्व भर के जंगलों में लगी आग को भी रोकना होगा।अंतरराष्ट्रीय समर्थन बनाना होगा जो हर देश के अमेज़न के लिए आवाज़ उठाए। ऐसी कंपनियों और नीतियों का विरोध करें जो पृथ्वी को जला रही है। अमेज़न की आग ने सबको नींद से जगाया है। ध्यान रहे कि हम फिर से  सो ना जाएं।_________________________________________________________________

About the author: Deepti Mary Minj is a graduate in Development and Labor Studies from JNU. She researches and works on the issues of Adivasis, women, development and state policies. When she is not working, she watches films like Apocalypto and Gods Must be Crazy, and is currently reading Jaipal Singh Munda.

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