भारत ने कल अपने सबसे सौम्य, सरल और कर्मठ प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्मदिन मनाया। भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के प्रतिष्ठित शैक्षणिक और आर्थिक संस्थाओं में उनका नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है।
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में सन् 1932 में हुआ था। उन्होंने अपने गाँव में रहकर ही 10वीं की पढ़ाई की। उनके गाँव के लोग कहते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह बचपन में मिट्टी तेल के लैंप के सहारे पढ़ाई किया करते थे, जो कि उनके शुरुआती दौर के गरीबी और संघर्ष को दर्शाता है।
प्रोफेसर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी
भारत में पढ़ाई करने के बाद डॉ. मनमोहन सिंह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए, जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डी फिल किया। विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी वह भारत लौटे और भारत के प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तथा पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी।
इसी दौरान वह संयुक्त राष्ट्र संघ के व्यापार निवेश तथा विकास से संबंधित मुद्दों के निपटारे के लिए बनाए गए यूएनसीटीएडी के सदस्य नियुक्त किए गए। 1987 से 1990 तक वह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के अधीन अफ्रीकी मामलों पर काम करने वाले साउथ कमीशन के महासचिव भी रहे।
लोगों को कानूनी अधिकार देने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
वह भारत के वाणिज्य मंत्री, वित्त मंत्री तथा प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में लंबे समय तक कार्यरत रहे। डॉ. मनमोहन सिंह इकलौते प्रधानमंत्री हैं, जो भारत के वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1991 में बतौर वित्त मंत्री, भारत में अर्थव्यवस्था का ग्लोबलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और लिब्रलाइजेशन किया। डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं और उन्हें कानूनी अधिकार देने वाले प्रधानमंत्री के रूप में भी जाना जाता है।
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में जन कल्याण के बहुत से कानून पास करवाए, जैसे-
- ग्रामीण बेरोज़गारी को खत्म करने तथा ग्रामीण व्यवस्था को विकसित करने के लिए नरेगा अधिनियम 2005 की शुरुआत।
- भारत के सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और नागरिकों के समक्ष सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की नींव रखने का श्रेय भी मनमोहन सिंह को ही जाता है।
- भारत के पिछड़े वर्गों को सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने का प्रावधान।
- भारत में गरीब बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू करने वाले पीएम भी मनमोहन सिंह ही हैं।
हम अपने पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व आरबीआई गवर्नर और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनको लंबी उम्र और अच्छी स्वास्थ्य प्रदान करें।