मात पिता और गुरु से बढ़कर है कोई भगवान नहीं,
इनकी सेवा से बढ़कर है, जग में कोई काम नहीं।
जो छूता है मात पिता के नित्य चरण सुख पाता है,
मिलता है आशीष उसको भवसागर तर जाता है।
कौन देवता पहले पूजा जाए सूझी बात नई,
ब्रह्मांड के चक्कर जो सबसे पहले कर आए,
पूजा जाए सबसे पहले वही।
सभी देवता दौड़ पड़े,
गणपति वाहन पर नहीं चढ़े,
मात-पिता की करके परिक्रमा सबसे पहले हुए खड़े।
इसलिए सदैव पूजे जाते सबसे पहले सदा वही,
मात पिता है पूजनीय उन से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं।
गुरु है ब्रह्मा गुरुर विष्णु और गुरु है शंकर भी,
स्वर्ग बसे इन के चरणों में और मिलेगा कहीं नहीं,
मात पिता को दुख देने से मिलते परमानंद नहीं,
इनको सुखी रखे बिन पाओगे आनंद नहीं।
खुद गीले में सोकर माँ ने तुमको सूखे में रखा,
तुम्हें खिलाया पूरा भोजन अगर बचा तो खुद चखा,
मां का दूध कर्ज़ है प्यारे कभी चुका ना पाओगे,
तुमको नरक भोगना होगा माँ को अगर सताओगे।