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हमारे इन छोटे मगर ज़रूरी प्रयासों से रुक सकती हैं आत्महत्या जैसी घटनाएं

आत्महत्या या सुसाइड यानी ज़िन्दगी से हार मानकर मौत को गले लगाना। आजकल आत्महत्या की घटनाएं तेज़ी से समाज में फैलती जा रही हैं। यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अवसाद, निराशा और तनाव के कारण अपनी ज़िन्दगी को समाप्त कर लेता है।

आत्महत्या के मुख्य कारण हैं, आज की भागती ज़िन्दगी में खुद को औरों से बेहतर साबित करने की होड़, अनगिनत ख्वाहिशें और ज़्यादा पैसों की महत्वकांक्षा जैसी परिस्थितियां। ये परिस्थितियां व्यक्ति की मानसिक स्थिति को इस प्रकार जकड़ लेती हैं कि इनके हासिल ना होने पर व्यक्ति इतना निराश हो जाता है कि मौत के सिवाय उसको कोई रास्ता नज़र ही नहीं आता।

फोटो प्रतीकात्मक है। सोर्स- pexels

इस तरह की बढ़ती घटनाओं को हमें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। अपने आसपास घर-परिवार और अपने बच्चों की हर गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए।

अगर घर का कोई भी सदस्य ज़्यादा बात नहीं कर रहा है या फिर कुछ ज़्यादा ही सोशल मीडिया में व्यस्त रहता है और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है, समय रहते ही आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

आत्महत्या को दूर करने के उपाय-

हमें ही मिलजुलकर समाज से इन समस्याओं को दूर हटाना होगा बस एक संकल्प और जागरूता की ज़रूरत है।

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