हां, प्लास्टिक बैन हमारे देशहित में सही है। हमें अपने देश के प्रति जागरूक होना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए कितना बड़ा खतरनाक है। प्लास्टिक की जगह हम लोग पेपर के बने बैग तथा जूट के बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। हां, पर जब हम भारत जैसे देश में प्लास्टिक बैन की बात करते हैं, तो यह कई हद तक नामुमकिन लगता है।
भारत में प्लास्टिक बैन बस एक धोखा है। इसपर प्रतिबंध की घोषणा के चार दिनों तक तो सख्ती से नियम लागू होते हैं लेकिन उसके बाद फिर सारे नियम गायब हो जाते हैं। प्लास्टिक बैन कोई जुमला से कम नहीं है।
यह हमारे देश की विडम्बना है कि यहां प्लास्टिक बैन करना इतना मुश्किल है। जब तक इसे सख्त तरीके से कानून बनाकर लागू ना किया जाए, तब तक कोई फायदा नहीं है। अगर आप देखो तो प्लास्टिक बैन एक स्कैम है। जैसे कला धन टेबल के नीचे से आता है, वैसे ही प्लास्टिक भी टेबल के नीचे से आता है।
वास्तविकता से हम सभी वाकिफ हैं कि प्लास्टिक मानव जीवन तथा पर्यावरण के लिए कितना खतरनाक है, बावजूद हम धड़ल्ले से प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं।
प्लास्टिक बैन करने से कुछ नहीं होगा, असली असर तो तब होगा, जब हम खुद बदल जाएं, क्योंकि कानून हमारे लिए है, हम कानून के लिए नहीं। हमें पेपर तथा जूट के बैग को अपनाना पड़ेगा। लोगों को प्लास्टिक ना उपयोग करने के लिए समझाना पड़ेगा तथा सरकार को भी इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाना होगा। तभी जाकर हम प्लास्टिक से अलग हो पाएंगे, नहीं तो जैसा चलता था, वैसा ही चलेगा। चार दिन प्लास्टिक बैन और फिर चालू।