बाहुबली में जब पानी के झरने को बहते हुए देखा गया तो ऐसा लगा कि इससे सुन्दर कोई और जगह नहीं है। पहाड़ों में अगर पानी को बहते हुए किसी ने सुना होगा तो ऐसा लगता है, जैसे सात सुरों की संगीत का शोर पानी के साथ आ रहा है।
लेकिन पानी के झरने और संगीत के सुरों से दूर देश के कई इलाकों में लोग रात भर जाग रहे हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि 15 दिनों में आने वाले पानी के टैंकर से उनकी बाल्टी भर जाए।
हम लोग क्या इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वे किस हालात में 15 दिनों तक पानी का इंतज़ार करते होंगे? कहते हैं ज़्यादा गर्मी में पानी ज़्यादा पियो लेकिन कोई उनसे पूछे तो सही कि आपको एक दिन में पीने के लिए कितना पानी नसीब होता है?
सच यही है कि हम कुछ भी करें पानी की ज़रूरत हमें हर एक कदम पर महसूस होती है और हम पानी के बिना जीना सोच भी नहीं सकते हैं।हमें इस बात की गंभीरता को समझते हुए मानना पड़ेगा कि ये पानी नहीं खून की बूंदें हैं, जिसे बहाते वक्त यह सोचना पड़ेगा कि क्या हम अपना खून भी ऐसे ही बहा सकते हैं?
जिस तरीके से किसी को खून की बूंद देकर हम किसी का जीवन बचा सकते हैं, उसी तरीके से हम एक-एक बूंद पानी बचाकर किसी को अपनी ज़िन्दगी खत्म करने से बचा सकते हैं। शायद किसी ने सोचा नहीं होगा कि इस देश में पानी की कमी की वजह से कोई अपनी जान गंवा सकता है।
अगर अभी आपको पानी की कमी महसूस नहीं हो रही है तो भी आपका इस समस्या को नज़रअंदाज़ करना नुकसानदेह ही है, क्योंकि सच यह भी है कि जो लोग आज पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं, उनको भी कुछ साल पहले यह अंदाज़ा नहीं था कि पानी की बूंदें उन्हें इस तरह तरसा देंगी।
आज हमारे द्वारा पानी की बचत भविष्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए सहायक होगी। हमारी आदत ना जाने क्यों ऐसी होती है कि जब तक अपने घर में समस्या नहीं आती तब तक हम उसका कोई उपाय या उस समस्या से निकलने के तरीके नहीं ढूढ़ते हैं।
दूसरों की भी सोचे तब भी खुद का भविष्य बचाने की कोशिश तो हर कोई कर सकता है, क्योंकि यकीन मानिए पानी तड़पा देगी, पानी तरसा देगी और पानी के बिना सांस कैसे ले आप यह सोच भी नहीं पाएंगे।
आज की समस्या को देखते हुए खुद कदम उठाएं, पानी की हर एक बूंद अपने खून की बूंद की तरह बचाए। केवल अपनी ज़रूरत और शौक को पूरा करने की ना सोचे, बल्कि आने वाले भविष्य की तरफ देखते हुए सोचिए कि वे अपना जीवन बिना पानी के कैसे बिताएंगे। जब वे पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसेंगे, तो आपसे पूछेंगे कि आपने उनके लिए ऐसा भविष्य क्यों छोड़ा, इसलिए समय रहते हुए हम सबको ज़रूरत है कि अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं और अपनी ज़रूरत के हिसाब से पानी की हर बूंद का प्रयोग करें।
ध्यान रखियेगा आज बचाया हुआ हमारा एक बूंद किसी की प्यास बुझाने में काम आ सकता है।