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“मैं भूटान से हूं और हिंदी भाषा ने मुझे भारत में अच्छे दोस्त दिए”

गुड मॉर्निंग, कुज़ुज़ांग्पो और नमस्ते।

मैं पूजा गिरी देहरादून के एक कॉलेज से MA इन मास कम्यूनिकेशन कर रहीं हूं। मैं भूटान के खूबसूरत शहर सम्त्से से हूं। घर से कॉलेज यानी कि भूटान से भारत का सफर मैंने 2015 में शुरू किया था। आपको बता दूंं कि मेरा शहर सम्त्से भारत से बहुत करीब है। यह भारत के साथ बॉर्डर शेयर करता है। वेस्ट से सिक्किम बॉर्डर और साउथ से वेस्ट बंगाल बॉर्डर।

भूटानियों से इंडियन लोगों का जो रिश्ता है वह बहुत मजबूत है। आई हैव सीन एंड इट इज़ ट्रू दैट ऑल भूटनीज़, मोस्ट ऑफ ऑल पीपल अंडरस्टैण्ड हिंदी लैंग्वेज। अगर कोई हिंदी में बात नहीं कर पाता तो समझ ज़रूर जाता है और इसकी वजह है बॉलीवुड।

बॉलीवुड का भूटान पर जादू

मेरा हिंदी लैंग्वेज से रिश्ता तो बचपन से ही था। मैं हिंदी गानों की बहुत बड़ी फैन हूं। मेरे पास 1990 के गोल्डन सॉन्ग्स के कलेक्शन्स है और आशा जी तो मेरी सबसे फेवरेट सिंगर हैं।

वैसे हम लोग नेपाल से हैं लेकिन मेरी ज़िंदगी का ज़्यादातर हिस्सा भूटान में बीता है। भूटान में रहने वाले कई लोग मेरी तरह ही नेपाल से हैं इसलिए भी मेरे लिए हिंदी समझना इतना डिफिकल्ट नहीं रहा। नेपाली और हिंदी दोनों काफी हद तक सेम है।

कॉलेज में आने के बाद मेरे हिंदी दोस्त

मैंने कॉलेज में आने के बाद बहुत सारा इंडियन दोस्त बनाया। जब मैं इंडिया आई और कॉलज ज्वॉइन किया तो मैं कोशिश करती थी कि मैं भी सबकी तरह हिंदी में बात करूं। फिर स्लाेली मुझे भी बहुत सारे हिंदी वर्ड्स सीखने को मिला। आई इम्प्रूव्ड मेरी हिंदी और उसका पूरा हक जाता है हिंदी मूवीज़, सॉन्ग्स और मेरे इंडियन फ्रेंड्स और टीचर्स को जिन्होंने मेरी हिंदी सुधारने में मदद की।

2015 से अब तक की मेरी हिंदी लैंग्वेज के साथ जर्नी वाज़ बहुत प्यारा। मैं जहां भी जाती हूं आई मेक श्योर मैं उनकी भाषा सीखूं। मुझे लगता है कि कुछ भी सीख सकते अगर हमारे अंदर सीखने के लिए हौसला हो और हम मेहनत कर सकें।

इंडिया एक बहुत ही कलरफुल कल्चर्ड कंट्री है। मैंने पिछले 5 सालों से यहां बहुत कुछ सीख रही हूं। मुझे यहां सबने बहुत प्यार दिया और मेरा मानना है कि जब किसी से बहुत प्यार और सपोर्ट मिलता है तो हम सब कुछ कर सकते हैं। मेरे साथ यही हुआ। भूटान से यहां आने से पहले एक डर था कि मुझे यहां लोग कैसे ट्रीट करेंगे लेकिन सबने बहुत प्यार दिया।

Bhutanese refugees wait for food at a camp. Source: Prakash Mathema/Getty
पूजा और उनकी कॉलेज की दोस्त

हिंदी बिल्कुल भी डिफिकल्ट नहीं है

जब हम अपने घर से दूर जाते हैं तो थोड़ा डर तो लगता ही है और मैं तो दूसरी कंट्री में आ रही थी। हिंदी आती तो थी लेकिन इतना नहीं कि सबसे फ्लूयेंट्ली बात कर पाती। मेरी हिंदी सिर्फ फिल्म सॉन्ग्स तक थी। ऐसे में दियर आर चान्सेस व्हेन यू गेट चीटेड। आपको अगर किसी देश की भाषा नहीं आती तो आपको कोई भी लूट सकता है।

मुझे इनिश्यली डर भी लगता था कि मैं फ्रेंड्स कैसे बनाऊंगी क्योंकि सब हिंदी में अच्छे से बात करते थे और भूटानी होने के वजह से मेरी हिंदी इतनी अच्छी नहीं थी लेकिन एज़ दि टाइम पास्ड आई रियलाइज़्ड कि हिंदी बिल्कुल भी डिफिकल्ट नहीं है। 

सबने सिखाया एंड आई वाज़ एबल टू डेडिकेट माईसेल्फ इन लर्निंग हिंदी। फिर मुझे बॉलीवुड का तो पहले से ही क्रेज़ था। हिंदी सीखने से मुझे बहुत फायदा हुआ, अब मैं गानों की मीनिंग भी समझ सकती हूं और साथ ही मुझे अब डर नहीं लगता क्योंकि मैं हिंदी बोलती हूं और इस वजह से सब मुझे अपने जैसा समझते हैं।

इस बात से मुझे यह सीखने को मिला कि उन लोगों को मुकाम ज़रूर हासिल होता है जिनमें सीखने की चाह होती है।

हैप्पी वर्ल्ड हिंदी डे। थैंक यू इंडिया एंड Youth Ki Awaaz फॉर दिस प्लैटफॉर्म।

याद रखिए यूनाइटेड वी स्टैंड, डिवाइडेड वी फॉल और हमारी भाषा हमें यूनाइटेड रखती है। जय हिंद।

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