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भारत में शिक्षक एक दिन के जश्न के बाद नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं

प्रियांशु केशरी झा

प्रियांशु केशरी झा

स्कूल में स्टूडेंट्स, शिक्षक दिवस के अवसर पर खूब जश्न मनाते हैं और शिक्षकों का सम्मान करते हैं। यह बहुत अच्छी बात है मगर शिक्षकों को अपने स्टूडेंट्स को देखकर तब और अधिक खुशी होती है, जब वे उनके बताए मार्ग पर चलते हैं। आज आलम यह है कि लोग शिक्षक दिवस पर भाषण देने के बाद शिक्षकों को भूल जाते हैं।

औसत स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर शिक्षकों के बारे में कुछ पोस्ट डालते हैं फिर उन्हें भूल जाते हैं। शिक्षकों को खुशी तब मिलती है, जब कोई स्टूडेंट अच्छा इंसान बनकर अपने कैरियर और बिज़नेस में सफल हो जाता है। आज की तारीख में गुरु-शिष्य परंपरा नाम की तो कोई चीज़ ही नहीं रह गई है।

कुछ शिक्षक महान ज़रूर होते हैं, जो हमेशा अपने स्टूडेंट्स के दिलों में रहते हैं। वहीं, कुछ स्टूडेंट्स भी सलाह और मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स ना केवल अकादमिक पाठों में, बल्कि अपने जीवन के पाठों का पालन करने में भी दिलचस्पी रखते हैं कि कैसे उन्हें जीवन में आगे निकलना है।

हर किसी के जीवन में शिक्षा ज़रूरी है, क्योंकि शिक्षा जीवन के विभिन्न चरणों में विभिन्न भूमिका निभाती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि लोग शिक्षकों के महत्व को जानें और उनके सबक का पालन करें।

प्रियांशु केशरी झा, सहायक शिक्षिका और एन.सी.सी. ऑफिसर, सिदो कान्हू उच्च विद्यालय (दुमका)

हमें जीवन के हर कदम पर शिक्षकों की ज़रूरत है। शिक्षक केवल स्टूडेंट्स के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। किसी भी बैठक और सामाजिक गतिविधियों में शिक्षकों की उपस्थिति नैतिकता को बढ़ावा देती है और समय को मूल्यवान बनाती है।

कुछ स्टूडेंट्स वाकई महान होते हैं। ऐसा नहीं है कि वे महानता के साथ पैदा हुए हैं, बल्कि वे महान बने हैं क्योंकि शिक्षकों ने उन्हें इस काबिल बनने में मदद की है। मैं समझती हूं कि स्टूडेंट्स, शिक्षकों के हाथों में गीली मिट्टी की तरह हैं जिन्हें वे कोई भी आकार दे सकते हैं।

अगर किसी स्टूडेंट को अच्छी तरह से पढ़ाया जाता है, तो वह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है। अगर किसी स्टूडेंट को गलत सिखाया जाता है, तो वह विनाश का हथियार बन सकता है।

सभी कॉलेजों और शिक्षकों को स्टूडेंट्स के नैतिक मूल्यों को बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं है। कई कॉलेजों में ऐसे भी शिक्षक होते हैं, जो स्टूडेंट्स को सिर्फ पैसे के लिए शिक्षा देते हैं। इस तरह के पैसों के प्रेमी शिक्षक, स्टूडेंट्स के कैरियर को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। इस प्रकार के शिक्षक भ्रष्ट नेताओं, डॉक्टरों और नौकरशाहों का उत्पादन करते हैं।

इसलिए शिक्षक के महत्व को समझने के साथ-साथ स्टूडेंट्स के माता-पिता को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि उन्हें अपने बच्चे को एक ऐसे स्कूल में सौंपना है, जहां पेशेवर, व्यक्तिगत और सामजिक व्यवहार वाले शिक्षक हों।

यह भी ज़रूरी है कि सभी शिक्षकों को सरकार की तरफ से सामाजिक और आर्थिक मदद मिलनी चाहिए, क्योंकि अगर वे खराब वित्तीय स्थितियों के बारे में चिंतित रहेंगे तो उनके लिए स्टूडेंट्स को पढ़ाना मुश्किल है। इसलिए किसी भी राष्ट्र के लिए ज़रूरी है कि वे शिक्षकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं और केंद्रित शैक्षणिक विकास कार्य प्रदान करें।

आज हमें शिक्षकों का सम्मान, उनके प्रयास और योगदान की सराहना करने की आवश्यकता है। शिक्षकों को सरकार से सुरक्षा की ज़रूरत है। शिक्षकों के साथ-साथ स्टूडेंट्स को शिक्षित करने के लिए बुनियादी ढांचों की भी आवश्यकता है।

नोट- लेखिका प्रियांशु केशरी झा, दुमका ज़िले के सिदो कान्हू उच्च विद्यालय में सहायक शिक्षिका और एन.सी.सी. ऑफिसर हैं।

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