राजद को 2020 में सरकार बनाने के लिए सबसे पहले सभी वर्गों के (दलित,पिछड़े,अतिपिछड़े,अल्पसंख्यक) वोट प्रतिशत के हिसाब से सत्ता में पावर में शेयरिंग देनी होगी, बिना पावर शेयरिंग के कुछ नहीं मिलने वाला है। अब जनता जाग चुकी है।
पावर शेयरिंग क्या है?
- सरकार बनाने में जो कुल वोट पड़ेंगे, उसमें जिस वर्ग का वोट प्रतिशत जितना है, उतना मंत्रालय देना होगा।
- सरकार के द्वारा जो भी टेंडर होगा, उसमें जिस वर्ग का वोट प्रतिशत जितना है, उतना टेंडर उस वर्ग को देना होगा।
- बिहार सरकार के अधिकार क्षेत्र में कार्य करने वाले वो सारे पद, बीडीओ, सीओ, डीएसपी, डॉक्टर, जेई, हेडमास्टर, इंस्पेक्टर, दरोगा एवं छोटे से लेकर बड़े पदों पर, उसमें जिस वर्ग का वोट प्रतिशत जितना है, उतना पद देना होगा।
अगर राजद इन बातों को अपने घोषणा-पत्र में शामिल करता है तो 2020 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता है। नहीं तो 2020 में भाजपा इन्हें विपक्ष में बैठने लायक नहीं छोड़ेगा।
यह आंकड़ा बिहार विधान सभा चुनाव 2015 जाति व समुदायवार मत प्रतिशत है।
महागठबंधन एनडीए
सवर्ण 9 84
यादव 68 12
कुर्मी 71 18
कोयरी 31 28
अति पिछड़ी जातियां 35 43
पासवान 19 54
महादलित 25 30
मुसलमान 69 6
यह आंकड़ा फॉरवर्ड प्रेस से लिया गया है।
मेरे द्वारा दिए गए सुझाव को अमल में लाया जाता है तो 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम काफी आश्चर्य जनक होगा।।