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क्लाइमेट चेंज पर ग्रेटा के साथ दुनिया को चेताने वाली भारत की 11 वर्षीय रिद्धिमा

दुनियाभर में यूं तो सभी लोग पर्यावरण को बचाना चाहते हैं परन्तु अपनी तरफ से कोई कदम नहीं उठाता है। गंदगी और प्रदूषण की वजह से आज के जलवायु पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग, मौसम में हवा-पानी का बदलाव या मौसम का अपने समय से देर से आना जैसी समस्याएं आज के समय में देखने को मिल रही हैं।

ऐसे में जहां बड़े-बड़े लोग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से कतराते हैं या फिर हज़ार दफा सोचते हैं, वहां पर दुनियाभर के 16 बच्चों ने मिलकर पर्यावरण को बचाने का हौसला दिखाया है। इन्होंने दुनियाभर में पर्यावरण को प्रदूषण से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए 5 देशों के खिलाफ सयुंक्त राष्ट्र में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।

रिद्धिमा पांडे। फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

जी हां, आपने सही सुना 16 बच्चों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र में 5 देश की सरकारों के खिलाफ क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। इनमें से एक बच्ची उत्तराखंड की ही बेटी है, जिसका नाम है रिद्धिमा पांडे। रिद्धिमा समेत बाकि के 15 बच्चों ने दुनिया के 5 देश तुर्की, अर्जेंटीना, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील के बारे में कहा है कि इन देशों ने जलवायु संकट के लिए ज़रूरी कदम ना उठाकर मानवाधिकारों का हनन किया है। रिद्धिमा की उम्र महज़ 11 वर्ष की है और वह एक पर्यावरण एक्टिविस्ट की बेटी है। 

रिद्धिमा का मानना है,

मैं एक बेहतर भविष्य चाहती हूं। मैं अपना भविष्य बचाना चाहती हूं। मैं सभी बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के सभी लोगों के भविष्य को बचाना चाहती हूं।

रिद्धिमा के बारे में यदि बात करें तो इन दिनों रिद्धिमा हरिद्वार में रहती हैं परन्तु हरिद्वार आने से पहले रिद्धिमा अपने माता-पिता के साथ नैनीताल में रहा करती थीं।

9 साल की उम्र में केंद्र सरकार के खिलाफ क्लाइमेट चेंज को लेकर की थी शिकायत

रिद्धिमा का कहना कि मुझको भारत के जंगलों की रक्षा का शौका है। एक पर्यावरण एक्टिविस्ट की बेटी होने के नाते मुझमें ऐसा हौसला आया है। 2017 में, सिर्फ नौ साल की उम्र में रिद्धिमा ने अपने अभिभावकों की मदद से जलवायु परिवर्तन और संकट से उबरने में कामयाब ना रहने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में रिद्धिमा ने कहा था कि भारत अपनी जलवायु परिवर्तन से निपटने में सबसे कमज़ोर देशों में से एक देश है। 

रिद्धिमा ने कोर्ट में अपनी मांग रखी थी कि

तो यह थी 11 साल की उत्तराखंड के हरिद्वार में रहने वाली रिद्धिमा पांडे की कहानी, जिसने पर्यावरण को बचाने की ठानी है। जब नादान और खेलने-कूदने की उम्र को छोड़कर हमारे घर के बच्चे हमारे पर्यावरण के विनाश को लेकर परेशान हैं, तो क्यों ना हम भी अब अपनी आदतों में सुधार लाएं।

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