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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों में लिए गए ये 5 बड़े फैसले

नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र मोदी

8 सिंतबर को पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए। इस मौके पर हरियाणा के रोहतक में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सरकार ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिनमें कृषि जगत के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित फैसले शामिल हैं।”

पीएम मोदी ने इस बात का भी ज़िक्र किया कि इस बार 100 दिनों में जितना काम किया गया, वह पिछले 60 वर्षों में किसी भी संसद सत्र में नहीं किया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार राष्ट्र की सुरक्षा, विकास और गरीबों के कल्याण का पर्यायवाची है।

इन सबके बीच मैं उन पांच बड़े फैसलों का ज़िक करना चाहूंगा, जिन्हें मोदी सरकार द्वारा उनके दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों में लिए गए।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्क्रिय करने का फैसला: 6 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने वाले अनुच्छ-370 को हटाने के फैसले पर दस्तखत करते हुए मंज़ूरी दे दी। गौरतलब है कि अगस्त महीने की 9 तारीख को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को मज़ूरी मिली। 31 अक्टूबर 2019 से दो केन्द्र शासित प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख बंट जाएंगे।

26 जुलाई 2019 को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ पारित किया गया, जो 01 अगस्त से कानून बन गया।

10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा: 30 अगस्त 2019 को केन्द्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया। गौरतलब है कि ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय होगा।

वहीं, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक के साथ मर्ज किया जाएगा। जबकि आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने की बात कही गई है।

फोटो साभार- Twitter

मोटर व्हीकल एक्ट 2019: 5 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मोटर वाहन अधिनियम पर दस्तखत करने के साथ ही 1 सितंबर से नए कानून को लागू कर दिया गया, जिसके तहत चालान में वृद्धि की सर्वाधिक राशि 10 गुना तक है।

यूएपीए एक्ट में संशोधन: 8 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत के साथ ही 14 अगस्त से नए यूएपीए कानून को लागू कर दिया गया। इस नए कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते पाए जाने पर आतंकी घोषित करने का अधिकार है।

इन सबके बीच अब यह भी ज़िक्र करना ज़रूरी है कि पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों में क्या रोज़गार जैसे मसलों पर सरकार की गंभीरता दिखाई पड़ी? इस प्रश्न का जवाब मैं तो ‘ना’ में ही दूंगा, क्योंकि जिस तरीके से ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल सेक्टर में मंदी छाई हुई है, उससे तो यही साबित होता है कि सरकार के लिए ये ज़रूरी मुद्दे कोई मायने नहीं रखते हैं।

तभी तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये ऑटो सेक्टर में मंदी का कारण ओला और उबर जैसी कंपनियों को बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान काफी निराशाजनक है।

मोदी सरकार ने आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे फैसले लिए और मुझे लगता है कि राजनीतिक जल्दबाज़ी में ही चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया। सरकार को इस पर मंथन करने की ज़रूरत है।

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