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योगी राज में 25 हज़ार होमगार्ड के जवान बेरोज़गार हो जाएंगे

फोटो साभार- Flick

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हमारे देश में बेरोज़गारी का आलम कैसा है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। भारत में हर क्षेत्र में लोग बेरोज़गार हैं फिर चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट। सरकारी नौकरी लगने से भले ही लोगों को अपना भविष्य सुरक्षित लगता होगा और वह स्वयं को प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों से बेहतर समझते होंगे मगर अब उन्हें सावधान हो जाने की ज़रूरत है, क्योंकि हकीकत इससे विपरीत है और यह आपके होश भी उड़ा सकती है। 

25 हज़ार होमगार्ड जवानों की नौकरी चली गई

हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार ने 25 हज़ार होमगार्ड जवानों को नौकरी से निकाल दिया है, जिसका सीधा असर ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ रहा है और इसके साथ ही 25 हज़ार परिवार की रोज़ी-रोटी बंद हो गई है।

यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि पुलिस विभाग इन होमगार्ड जवानों का बजट संभालने में असमर्थ थी। इसलिए इन होमगार्ड्स के नौकरी को खत्म करने का फैसला लिया गया।

गौरतलब है कि न्यायलय द्वारा जारी आदेश में होमगार्ड जवानों का एक दिन का भत्ता 500 रुपये से 672 हो गया था, जिसका सीधा असर बजट पर पड़ रहा था। केवल 172 रुपये के लिए होमगार्ड जवानों को बेरोज़गार बनाने का फैसला लिया गया है।

इस संबंध में एडीजी पुलिस मुख्यालय, प्रयागराज बीपी जोगदंड ने आदेश भी जारी कर दिया है। मतलब साफ है, जब जी चाहा रख लिया और जब काम निकल गया तो हम तो पहचानते ही नहीं।

पुलिस बल की कमी के कारण हुई थी नियुक्ति

पुलिस बल की कमी के कारण ही इन होमगार्ड्स को काम पर रखा गया था ताकि कानून व्यवस्था सुव्यवस्थित रहे और परिचालन भी सही तरीके से चलता रहे। इन्हें थाने से लेकर चौक-चौराहों तक ड्यूटी पर लगाया जाता था।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। फोटो साभार- Getty Images

इस निर्णय से सम्बंधित आदेश में कहा गया है कि पुलिस विभाग में रिक्तियों को देखते हुए ही इन होमगार्ड्स की तैनाती की गई थी मगर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 28 अगस्त को हुई बैठक में इस ड्यूटी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय प्रयागराज की ओर से आदेश जारी कर होमगार्ड्स की तैनाती तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।

योगी सरकार द्वारा जारी इस फैसले के विरोध में होमगार्ड्स सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे भीख मांगकर पैसे इकट्टा कर रहे हैं ताकि उन पैसों को मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजा जा सके। इसके साथ  वे गाने के ज़रिये भी अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। 

चेतन चौहान का यू-टर्न

आप सोच सकते हैं जब त्योहारों का मौसम नज़दीक है, उस समय यह फैसला आना कितना दर्दनाक है। हालांकि होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान का कहना है कि पुलिस में निर्धारित बजट के चलते ऐसा निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग में होमगार्ड स्वयं सेवकों को निर्धारित बजट में ड्यूटी दिलाने के लिए डीजीपी ओपी सिंह से बात की गई है।

डीजीपी का कहना है कि वह इसका परीक्षण कराएंगे और बजट के अनुरूप होमगार्ड स्वयं सेवकों की ड्यूटी की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री का कहना है कि वह होमगार्ड जवानों की पुलिस व अन्य संगठनों में ड्यूटी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी वार्ता करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि होमगार्ड्स को हटाने का कोई औपचारिक खत उन्हें या उनके विभाग को नहीं मिला है। होमगार्ड जवानों की नौकरी खत्म नहीं होगी और पहले की अपेक्षा में होमगार्ड जवानों को हर माह करीब एक सप्ताह कम ड्यूटी मिलेगी। अब देखते हैं कि आगे क्या होता है। क्या वाकई इन होमगार्ड्स को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा?

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