कुछ दिन पहले अमेरिका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादित बयान देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहा। यह ना सिर्फ भारत के लिए शर्म की बात है, बल्कि भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का अपमान भी है।
राष्ट्रपिता और भारत माता के अपमान पर ना ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोई आपत्ति जताई और ना ही विदेश मंत्रालय ने इस पर कुछ कहने की ज़हमत उठाई। क्या इसका मतलब यह है कि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय राष्ट्रपति ट्रंप के उक्त बयान से सहमत है?
आज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती के मौके पर देशभर में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। यही नहीं, पिछले कई दिनों से इस बात की चर्चा थी कि आज के दिन पीएम मोदी भारत में सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन कर देंगे मगर हैरानी की बात यह है कि स्वच्छ भारत के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए कहा गया,
11 सितंबर 2019 को पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किए गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ मिशन का मकसद सिंगल यूज़़ प्लास्टिक को बैन करना नहीं है, बल्कि सरकार का मकसद सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
खैर, पीएम मोदी कहते हैं कि वह गाँधी के सबसे बड़े अनुयाई हैं लेकिन जब अमेरिका में गाँधी का अपमान हुआ, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शब्द भी नहीं बोल पाए। क्या यह मानकर चला जाए कि उन्होंने इसलिए भी आपत्ति नहीं जताई, क्योंकि ट्रंप उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे?
उनकी चुप्पी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और भारत माता का अपमान करने वाले राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को समर्थन देती है। यह कितने बड़े शर्म की बात है कि कोई विदेशी राष्ट्रपति हमारे देश के राष्ट्रपिता का अपमान करें और हमारे प्रधानमंत्री चुप्पी साध लें और विदेश मंत्रालय की तो बात ही अलहदा है।
महात्मा गाँधी के अलावा हिन्दुस्तान में राष्ट्रपिता का दर्ज़ा किसी और को नहीं दिया जा सकता है। राष्ट्रपिता की परिकल्पना हमारे देश को तानाशाही की ओर ले जा सकती है, जिसकी भविष्यवाणी हमारे महापुरुषों ने बहुत पहले ही की थी। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री को क्यों ना नकलची कहा जाए?
मैं राष्ट्रपति ट्रंप के उक्त बयान की घोर निंदा करता हूं और आशा करता हूं कि भले ही प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय ने उनके बयान पर कोई आपत्ति नहीं जताई लेकिन एक भारत के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने राष्ट्रपिता के अपमान करने वाले वक्तव्य की निंदा करें। मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि आखिर ट्रंप के वक्तव्य वर वह खामोश क्यो रह गए?