Site icon Youth Ki Awaaz

जीवेश सभरवाल ने रियल एस्टेट मार्किट को दिया ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट

जीवेश सभरवाल होराइज़न बिल्डकॉन के संस्थापक और सीईओ हैं। उन्‍होंने यूएसए की इंटरनेशल बिज़नेस यूनिवर्सिटी से बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्‍त की है। बिज़नेस एडमिनिस्‍ट्रेशन की डिग्री प्राप्‍त करने के बाद वे अपने देश भारत आ गए। यहां आकर उन्‍होंने 2006 में होराइज़न बिल्‍डकॉन नाम की रियल एस्टेट कम्‍पनी की शुरूआत की।

इस कम्‍पनी की शुरूआत करने के पीछे उनका मकसद देश के मध्‍यमवर्गीय परिवारों को दिल्‍ली और हरियाणा जैसे शहरों की ऊंची-ऊंची इमारतों में फ्लैट उपलब्‍ध करवाना था। ऐसा हुआ भी, होराइज़न बिल्‍डकॉन के माध्‍यम से सैंकड़ों मध्‍यमवर्गीय परिवारों का अपना खुद का घर होने का सपना पूरा हुआ।

ईको फ्रेंडली घरों का कॉन्सेप्ट

जीवेश सभरवाल ने अपनी मेहनत लगन और समाज में कुछ कर गुज़रने की इच्‍छा के सहारे, देश में रियल एस्टेट मार्केट की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया। नई टेक्‍नालॉजी का सहारा लेकर किस तरह से कम कीमत पर एक बड़ी इमारत को खड़ा किया जा सकता है और कैसे घरों को ईको फ्रेंडली बनाया जा सकता है, इन सब बुनियादी बातों को ध्‍यान में रखते हुए उन्होंने दिल्‍ली और हरियाणा में कई इमारतों खड़ी कर दी।

ये इमारतें इस तरह से डिज़ाइन की गई हैं कि इनमें लोगों की सभी बुनियादी ज़रूरतों का ध्‍यान रखा गया है।

जीवेश सभरवाल ने अपने बिज़नेस का लगातार विस्‍तार किया है आज उनकी कम्‍पनी दिल्‍ली और हरियाण से निकलकर पंजाब, जम्‍मू-कश्‍मीर और महाराष्‍ट्र तक फैल चुकी हैं। जीवेश संभरवाल के काम से प्रभावित होकर कई राष्‍ट्रीय और अन्‍तरराष्‍ट्रीय कम्‍पनियां उन्‍हें अपने यहां, अपने बिज़नेस के मार्गदर्शन के लिए बुला रही हैं।

वे कई अन्‍य कम्‍पिनयों को भी अपनी प्रतिभा के माध्‍यम से गाइड कर रहे हैं। आज जीवेश सभरवाल का नाम रियल एस्‍टेट मार्केट का काफी जाना पहचाना नाम बन चुका है।

जीवेश सभरवाल का ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट

दुनिया भर में फैलती ग्‍लोबल वार्मिग की वजह से अब रियल एस्टेट को ऐसी इमारतों के निर्माण करने की ज़रूरत है जो ईको फ्रेंडली हो। जीवेश सभरवाल पर्यावरण के नकारात्‍मक प्रभावों से इमारतों को बचाने के लिए एक नया कॉन्सेप्‍ट लेकर आए हैं।

इस कॉन्सेप्‍ट को उन्‍होंने ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्‍ट का नाम दिया है। ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्‍ट के तहत इमारतों में बिजली, पानी और अन्‍य मूलभूत ज़रूरतों का इन्‍तेज़ाम ईको फ्रेंडली तरीके से किया जा सकता है।

जीवेश सभरवाल ने होराइज़न  बिल्‍डकॉन के अन्‍तर्गत बनने वाली इमारतों में इस कॉन्सेप्‍ट को लागू करवा भी दिया है।

लोगो की बुनियादी ज़रूरतो का पूरा ध्‍यान रखा गया है

होराइज़न बिल्‍डकॉन के अर्न्‍तगत बनने वाली कई इमारतों को इस तरह बनाया गया है जो ग्‍लोबल वार्मिग की वजह से पड़ने वाले किसी भी तरह के नकारात्‍मक प्रभाव का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। इन इमारतों में लोगो की बुनियादी ज़रूरतो का पूरा ध्‍यान रखा गया है। भारत में केवल एक बिल्‍डकॉन ही है जो पर्यावरण के अनुकूल इमारतों का निर्माण कर रही है।

होराइज़न बिल्‍डकॉन की इमारतें अपने ग्राहकों की तमाम ज़रूरतों का पूरी तरह ध्‍यान में रखते हुए बनाई जाती हैं। जीवेश सभरवाल के नेतृत्‍व में होराइज़न  बिल्‍डकॉन अपने ग्राहकों का भरोसा जीतने में पूरी तरह से कामयाब हुआ है।

आज पूरी दुनिया पानी कमी से जूझ रही है। इसलिए यह आवश्‍य‍क हो जाता है कि पानी को व्‍यर्थ में बर्बाद ना किया जाए। होराइज़न बिल्‍डकॉन की ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्‍ट में इस बात का भी विशेष ध्‍यान रखा गया है कि इसके अन्‍तर्गत बनने वाली इमारतों में पानी के व्‍यर्थ इस्‍तेमाल को रोका जाए।

इसके लिए होराइज़न बिल्‍डकॉन प्राकृतिक जल विज्ञान प्रणाली को फॉलो करता है। यहां बा‍रिश के पानी को जमा करके पीने योग्य बनाने का भी प्रॉपर इन्‍तेज़ाम किया जाता है।

कर रहे हैं जल संरक्षण

होराइज़न बिल्‍डकॉन का ग्रीन बिल्‍डिंग कॉन्सेप्‍ट ग्रे पानी को दोबारा इस्‍तेमाल करने लायक बनाता है। दुनिया भर के वैज्ञा‍निक इस बात पर एकमत है कि पानी को रिसाइकिल करके दोबारा इस्‍तेमाल करने योग्य बनाना ही आने वाले समय में दुनिया को पानी की कमी से बचा सकता है। जीवेश सभरवाल इस बात को जानते हैं और उन्‍होने ग्रे पानी को दोबारा इस्‍तेमाल करने योग्‍य बनाने का काम भी शुरू करवा दिया है।

सौर उर्जा को बिजली की तरह इमारतों में किस तरह इस्‍तेमाल किया जाता है यह भी कोई होराइज़न बिल्‍डकॉन की इमारतों में आकर सीख सकता है। इन इमारतों में बिजली के बिलों की ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती क्‍योंकि इन इमारतों को अधिकतर बिजली सौर उर्जा से प्राप्‍त होती है।

आज जीवेश सभरवाल के इस ग्रीन बिल्‍डिंग कॉन्‍सेप्‍ट से प्रेरणा लेकर रियल एस्टेट की कई कम्‍पनिया अपने यहां इस कॉन्‍सेप्‍ट को लागू करने की कोशिश कर रही हैं। ग्लोबल वार्मिग के बढ़ते प्रभावों को कम करने के लिए उनका ग्रीन बिल्‍डिंग कॉन्‍सेप्‍ट ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने का सबसे बड़ा अस्‍त्र साबित हो सकता है।

Exit mobile version