क्या आपके पैसे बैंक में हैं तो रोने के लिए तैयार रहिये, यह मैं नहीं पीएमसी बैंक (Punjab Maharashtra Coperative Bank) के खाता धारकों की हालात बयान कर रहे हैं। अगर आप खबरों से रूबरू हों, तो बैंक से पैसे ना निकाल पाने के कारण, अभी तक पीएमसी बैंक के 5 खाताधारकों की मौत हो चुकी है।
गरीब हो चुका है बैंक
आपको बता दें कि इस समय पंजाब महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में लगभग 6,500 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। हालांकि शुरूआत में यह घोटाला 4,355 करोड़ का था, जो जांच के दौरान बढ़कर 6,500 करोड़ हो गया है।
इस वक्त हाल यह है कि खाता धारक अभी अपने ज़रूरत के हिसाब से खुद के पैसे नहीं निकाल सकते क्योंकि घोटाले का शिकार हुआ यह बैंक गरीब हो गया है।
बैंक के साथ गरीब शब्द का जुड़ना वाकई हास्यास्पद है। खाताधारकों की बात करें तो वह लगातार सरकार से गुहार लगा रही है लेकिन नतीजा कुछ नहीं है। अवसाद और तनाव में अब तक कई खाताधारकों की मौत हो चुकी है।
अपनी जमा पूंजी ना निकाल पाने वाले खाताधारकों की मौत
इसी घोटाले के कारण 4 खाता धारकों की मौत हो गई। जिनमें फतोमल, वरसोवा निवासी डॉक्टर निवेदिता बिजलानी और ओशिवारा निवासी संजय गुलाटी और 83 वर्षीय मुरलीधर की मौत हो गई।
डॉक्टर निवेदिता बिजलानी ने कुछ दिन पहले आत्महत्या कर ली। हालांकि उनकी आत्महत्या की वजह अभी भी स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने उनके पीएमसी बैंक में उनके अकाउंट का ज़िक्र किया लेकिन यह भी कहा कि वह निजी कारणों से अवसाद में भी थी।
वहीं एक और खाताधारक फत्तोमल पंजाबी का भी इसी बीत निधन हो गया। उनके परिवार ने आरोप लगाया कि वह पीएमसी बैंक में संकट के बाद तनाव में थे।
संजय गुलाटी पूर्व में जेट एयरवेज में काम करते थे, जो कि बंद हो जाने के कारण बेरोज़गार हो गए थे। उन्होंने लगभग 90 लाख रुपये पीएमसी बैंक में जमा किए थे। गुलाटी का एक स्पेशल चाइल्ड था, जिसके कारण गुलाटी को कभी भी पैसों की ज़रूरत पड़ जाती थी। बैंक घोटाले के बाद पैसा निकालने के दायरे निर्धारित होने से संजय गुलाटी काफी परेशान रहने लगे थे।
कुछ दिन पहले उन्होंने बैंक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था लेकिन जब घर वापस गए तो उनको हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई।
वहीं इन्हीं दिनों 83 वर्ष के मुरलीधर, बैंक से पैसे ना निकाल पाने की वजह से हार्ट सर्जरी नहीं करा पाए जिसके कारण उनकी मौत हो गई।मुरलीधर मुंबई के मुलुंड में रहते थे। खबरों के अनुसार पीएमसी बैंक में मुरलीधर के 80 लाख रुपये जमा थे।
वहीं बीते रविवार एक और बुज़ुर्ग महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वजह थी बेटी और दामाद के करोड़ों रुपयों का बैंक में फंसे होना। जब महिला को पता चला कि बैंक में घोटाला हुआ है और बेटी और दामाद के करोड़ों रुपए बैंक में डिपोज़िट हैं तो वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर तनाव में आ गईं।
इसी तनाव की वजह से उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।
अभी भी हज़ारों युवा और बुज़ुर्ग अपनी मेहनत की कमाई के लिए सड़कों पर गुहार लगा रहे हैं। लगातार देखा जा रहा है कि इन प्रदर्शनों के दौरान कई बुज़ुर्गों की तबियत बिगड़ जाती है, जिन्हें तत्काल अस्पताल भी ले जाया जा रहा है। लाखों ग्राहक दिन प्रतिदिन समस्याओ से जूझ रहे हैं लेकिन इनके लिए सरकार के पास कोई जवाब नही हैं।
महसूस होगा, जब खुद पर बीतेगा
इस दर्द को हम सब शायद तब महसूस कर पाएंगे, जब खुद के लाखों रुपए बैंक में बंद होंगे और हम उसे निकाल नहीं पाएंगे। वह भी तब जब हमारे जेब मे एक रुपया भी नहीं होगा।
क्रूरता की हद तब पार हो जाती है जब सरकार यह कहती है कि पैसे बैंक मे रखो और संकट के समय कहती है कि इस मामले को आरबीआई (RBI) जानती है, सरकार तो बिल्कुल इस मामले मे अनभिज्ञ हैं।
माननीय वित्त मंत्री का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार कुछ नहीं कर सकती, आरबीआई का काम हैं वह लेखा जोखा कर रहा है।
हद करती हैं आप मैडम, आपने तो कहा था कि कई बैंक सम्मिलित होकर एक हो गए हैं। आपने कहा तो लोगों ने खाते खुलवा लिए, कई बैंक को मिलाकर एक बैंक करने की वाह वाही भी आपने लूट ली। आपके कहने पर लोगो ने बैंक में पैसा भी जमा कर दिया और अब लोग अपने खून पसीने की कमाई को निकालने के लिए खून के आंसू रो रहे हैं, तो आप कहती हैं कि सरकार कुछ नहीं कर सकती।
सतर्क हो जाईए क्योंकि सरकार बीमार है। वह एयर कंडिशन वार्ड में अपने इलाज के लिए हमारे पैसे खर्च कर देगी और हमारे पास अपने इलाज के लिए एक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं होगी। पीएमसी बैंक धारकों की स्थिति देखकर तो यही लग रहा है।
जिस बैंक में आप पैसा जमा कर रहे हैं, हो सकता है वह बैंक कल किसी और को लोन देकर आपको भिखारी बना दे और सरकार कह देगी,
भाइयों और बहनों हमने कहा था कि पैसा जमा करो, निकालने के लिए तो आपने सोचा।
इस घटना से तो ऐसा ही लगता है। मानो सरकार कहना चाह रही हो,
मैं सरदार कि तुम
मेरी चलेगी कि तुम्हारी
तुम किसके नारे लगाते हो मेरी या अपनी
सपने देखने की कोशिश किसने की – आपने
भुगतेगा कौन – आप