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“नीतीश सरकार, आपदा के समय आपकी ज़िम्मेदारी हम युवा कब तक निभाएंगे?”

पटना को इन दिनों भारी-जलजमाव का सामना करना पड़ा। जलमाव इतना भयावह कि कई इलाकों में 8 फुट तक पानी भर चुका था। पटना की यह नारकीय स्थिति महज़ 3 दिनों की बारिश में हुई थी। नीतीश सरकार ने इस दिशा में अपनी ज़िम्मेदारियों से हाथ झाड़ते हुए हथिया नक्षत्र पर पूरी बात डाल दी। जबकि यह बात साफ है कि पटना की इस स्थिति की वजह पटना का खराब ड्रेनेज सिस्टम है।

इस जलमाव में पटनवासियों के लिए मददगार यहां का युवा वर्ग साबित हुआ। प्रशासन योजना बनाती, राहत कार्य शुरू करती उससे पहले युवाओं की टोली निस्वार्थ निकल पड़ी लोगों की मदद करने के लिए।

सरकार से सवाल करने के लिए पटनावासी निकालेंगे शांतिपूर्ण मार्च

युवाओं की यही टोली आज सरकार से सवाल पूछ रही है और प्रत्येक पटनावासियों को सरकार से सवाल पूछने के लिए प्रेरित कर रही है। सरकार से सवाल पूछते हुए कल यानि 19 अक्टूबर को एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला जाएगा, जिसमें कोई भी राजनैतिक पार्टी शामिल नहीं है। यह मार्च बिना किसी राजनैतिक पार्टियों के बैनर तले गाँधी मैदान से निकलेगा, वह जगह जहां जेपी ने क्रांति की हुंकार भरी थी।

बिहार को इस साल तीन आपदाओं का सामना करना पड़ा है- चमकी बुखार, बाढ़ और अब जलमाव। किसी राज्य को अगर साल में तीन आपदाओं का सामना करना पड़े तो राज्य के लिए भयावह स्थिति है। बिहार सरकार इन आपदाओं के समय सिर्फ बड़े-बड़े वादें कर रही है लेकिन ज़मीनी स्तर पर वे वादें दिखते नहीं हैं। चमकी बुखार के वक्त भी सरकार ने कहा था कि वह सर्वे करवाएगी, रिपोर्ट तैयार करवाएगी मगर इसपर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। हम युवा कब तक आपदाओं के समय सरकार की भूमिका निभाते रहेंगे। सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी।

पटनावासियों से हमारी अपील

पटना की जनता से हमारी मांग है कि वे सरकार से सवाल पूछे। स्वस्थ लोकतंत्र तभी संभव है, जब जनता खुद सरकार से सवाल पूछेगी। चाहे चमकी बुखार हो, बाढ़ हो या पटना में जलजमाव हो या और भी कोई मसला हो, उन सब पर सवाल पूछें। सवाल पूछें ताकि सरकार को लगे जिनसे वोट लेते हैं, उन्हें जवाब भी देना होगा। सवाल पूछें, ताकि आगे ऐसा कुछ होने पर सरकार को लगे कि लोग हिसाब मांगेंगे। सवाल इसलिए भी पूछें क्योंकि ज़िन्दा कौम 5 साल का इंतज़ार नहीं करती है।

बिहारवासी, बिहार से बाहर रहते हुए कैसे कर सकते हैं सपोर्ट

बिहार की प्रमुख समस्याओं में एक पलायन भी है। बिहार के कई लोग बाहर रहते हैं। बिहार में जो भी आपदाएं आती हैं, उसको लेकर वे लोग भावुक तो होते हैं लेकिन अपने शहर से दूर होने के कारण सवाल नहीं पूछ पाते हैं। वह ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अपनी आवाज़ बुलंद कर सकते हैं।

अगर आप पटना में हैं तो 19 को सड़क पर आएं और अगर आप बाहर हैं तो 18 की शाम छह बजे #BiharSarkarJawabDo हैश-टैग साथ ट्विटर पर अपना विरोध यह कह कर व्यक्त करें कि हमारी गलती क्या थी?

हम जानते हैं कि बदलाव के लिए ज़मीन पर उतरना होगा। हम पटना शहर के तमाम लोगों से अपील करते हैं कि इस प्रोटेस्ट मार्च के लिए वक्त निकालें। आपने 10 दिनों तक इस अनचाही बाढ़ को भोगा है, वह भी सरकारी लापरवाही के कारण। इस बात को अब सरकार भी स्वीकार कर रही है।

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