Site icon Youth Ki Awaaz

पेड़ों पर रेड टेप लगाकर लाखों स्कूली बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प

8000 से अधिक विद्यालयों के 50 हज़ार शिक्षकों सहित 3 लाख से अधिक स्टूडेंट्स और अभिभावकों ने 14 अगस्त से 2अक्टूबर के मध्य “पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ अभियान- 2019” के अभियान में शामिल होकर पर्यावरण रक्षा का संकल्प लिया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण की रक्षा और भारत को हरा-भरा बनाने के लिए वृक्षारोपण के बेहतर प्रयास शुरू किए हैं लेकिन हर वर्ष लगने वाले करोड़ों पौधों में केवल 5-7 प्रतिशत ही ज़िन्दा रह पाते हैं। हरियाली कम होने के कारण दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है। पौधों के नष्ट होने का प्रमुख कारण है कि प्रकृति संरक्षण में आम जनसमुदाय की सहभागिता और जागरूकता में कमी है। जब तक नए वृक्षों को लगाने और उनको संरक्षित करने में आम जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक पर्यावरण रक्षा का कार्यक्रम अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर सकेगा।

इसी को ध्यान में रखते हुए टीचर्स क्लब उत्तर प्रदेश और मिशन शिक्षण संवाद ने जनसमुदाय को जोड़ने और आम नागरिक को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए 14 अगस्त से 2 अक्टूबर तक पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाया गया।

अपने सोशल मीडिया से जुड़े विभिन्न राज्यों के हज़ारों शिक्षकों, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के जनपदों से जुड़े सहयोगी शिक्षकों तथा समाज के लोगों के सहयोग से रेड टेप मूवमेंट और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से यह अभियान चलाया गया।

इस कार्यक्रम के संयोजक अवनीन्द्र सिंह जादौन ने बताया,

कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सरकारी और निजी सहायता से रोपे गए पौधों का संरक्षक विद्यालय में अध्ययनरत स्टूडेंट को बनाया जाता है, ताकि रोपित किए गए अधिक-से-अधिक पौधों की देखरेख कर उन्हें जीवित रखा जा सके।

कई विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा गांव में ग्राम शिक्षा समिति की सहायता से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर और स्टूडेंट तथा जनसमुदाय को पुराने वृक्षों को ना काटने की शपथ दिलाकर पेड़ों पर रेड टेप बांधा गया।

रेड टेप मूवमेंट का जन्म इटावा से हुआ था इसलिए यह कार्यक्रम कानपुर मंडल के इटावा जनपद से ही 14 अगस्त को प्रारंभ किया गया और उत्तर प्रदेश के 18 मंडल और उत्तराखंड के सभी प्रमुख जनपदों में 2 अक्टूबर तक चला।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक के रूप में मिशन शिक्षण संवाद और सहयोगी के रूप में टीचर्स क्लब और रेड टेप मूवमेंट ने अपनी सहभागिता की।

कब हुई थी रेड टेप मूवमेंट की शुरुआत

टीचर्स क्लब ने वर्ष 2014 में अमरीका के एल्गिन हाईस्कूल के साथ इटावा के 60 विद्यालयों में यह कार्यक्रम आयोजित किया था। रेड टेप की शुरुआत लगभग एक दशक पूर्व जनपद इटावा में तैनात तत्कालीन ज़िला बचत अधिकारी प्रभात मिश्रा द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य लोगों से वृक्षों को लाल फीता बंधवाकर उन्हें वृक्ष ना काटने का संदेश देना था।

इस कार्यक्रम को बाद में टीचर्स क्लब द्वारा अपने अभियान में शामिल कर लिया गया और पिछले दो वर्षों से उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अध्यापक मंच मिशन शिक्षण संवाद द्वारा प्रदेशव्यापी अभियान के रूप में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण मंचों के साथ आयोजित करके पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया गया।

टीचर्स क्लब और मिशन शिक्षण संवाद द्वारा गत वर्ष 8 सितंबर को पर्यावरण के अंतरराष्ट्रीय मंच राइज़ फॉर क्लाइमेट के समर्थन में एक ही दिन में 1.5 हज़ार से अधिक विद्यालयों में लाखों बच्चों और उनके अभिभावकों को साथ लेते हुए इस अभियान का आयोजन कराया गया और इसे ट्विटर पर अपलोड किया गया। इसे एसोसिएट प्रेस ऑफ फ्रांस (ए.एफ.पी) ने विशेष स्थान दिया था और इस अभियान को विश्व के 23 से अधिक देशों के समाचार पत्र में स्थान दिया गया।

इस वर्ष कार्यक्रम का आयोजन मंडलवार किया गया, जिसमें 8000 से अधिक विद्यालयों के 50 हज़ार शिक्षकों सहित 3 लाख से अधिक स्टूडेंट और अभिभावकों ने जुड़कर इस अभियान को सफल बनाया।

उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम की प्रभारी भदोही की शिक्षिका बहिन ज्योति जी और उत्तराखंड में शिक्षक लक्ष्मण सिंह मेहता ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मिशन शिक्षण संवाद मंच के फाउंडर और चीफ कोऑर्डिनेटर विमल कुमार ने बताया,

हमारा मानना है कि शिक्षक मात्र शिक्षण कार्य करने वाला सेवक नहीं हैं बल्कि शिक्षक सामाजिक सभ्यता के परिवर्तन का संपादक भी है। इतिहास गवाह है कि आज तक कोई भी अभियान, बिना शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता के जन-आन्दोलन का रूप प्राप्त नहीं कर सका है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए शिक्षकों को भी प्रयास करना ज़रूरी है।

टीचर्स क्लब के अध्यक्ष श्री शशिभूषण ने बताया,

कार्यक्रम के लिए यह समय इसलिए तय किया गया था, क्योंकि उत्तर भारत के मौसम चक्र के अनुसार अगस्त से अक्टूबर तक पौधे लगाने और उनके बढ़ने के लिए सबसे अनुकूल समय होता है और उत्तर प्रदेश सरकार ने जो पौधे रोपे हैं, अगर उनके प्रति ग्रामीण समुदाय को जागरूक ना किया गया तो इनमें से कई नष्ट हो जाते।

टीचर्स क्लब उत्तर प्रदेश अध्यापकों का एक रचनात्मक मंच है, जिसमें जुड़े अध्यापक अपने संसाधनों से ग्रामीण क्षेत्र के स्टूडेंट के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाकर उन्हें प्रेरित करते हैं।

मिशन शिक्षण संवाद अध्यापकों का एक सोशल मंच है, जिसमें सोशल मीडिया और व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से अध्यापक अपने नवीन प्रयोगों को साझा करके एक दूसरे को प्रेरित करते हैं और इससे पूरे प्रदेश में एक बेहतर शैक्षिक माहौल बनाने में मदद मिलती है। यह मंच 14 से अधिक अलग-अलग तरह के कार्यों को संचालित करता है, जिनमें एक पर्यावरण सुरक्षा हेतु रेड टेप मूवमेंट द्वारा प्रदेश को हरा-भरा बनाकर दुनिया को ग्लोवल वॉर्मिंग के प्रभाव से बचाना भी है।

मिशन शिक्षण संवाद मंच से फेसबुक पेज, ग्रुप और 100 से अधिक जनपदीय व्हाट्सएप्प समूह के माध्यम से 5 प्रदेशों के लगभग 1 लाख शिक्षक आपस में जुड़े हुए हैं, जो रोज़ विद्यालय समय के उपरांत पठन-पाठन शिक्षा और पर्यावरण पर बात करते हैं और अपने बेहतर प्रयोग एक दूसरे से साझा करते हैं।

________________________________________________________________________________

लेखक अवनीन्द्र सिंह जादौन रेड टेप मूवमेंट के कार्यक्रम संयोजक हैं।

Exit mobile version