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पर्यटकों के लिए खुलेगा सियाचिन ग्लेशियर लेकिन क्या हम इसे सुरक्षित रख पाएंगे?

कुछ दिन पहले भारत सरकार और भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर को आम लोगों के लिए भी खोलने का फैसला लिया है ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा पर्यटक सियाचिन की अनदेखी प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के लिए आ सकें, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।

सियाचिन को नये पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने के पीछे सरकार की मंशा स्थानीय नागरिकों को आय का स्रोत उपलब्ध करवाना भी हो सकती है इसलिए सियाचिन के बारे में आम जनता को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होना भी ज़रूरी है।

सियाचिन पर तैनात जाबांज

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय की पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। सियाचिन भारत के लद्दाख राज्य के लेह ज़िले में आता है एवं समुद्रतल से इसकी ऊंचाई लगभग 5,753 मीटर है।

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के रूप में माने जाने वाले सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के बहादुर जवान ज्यादातर समय 50 डिग्री से नीचे तापमान में देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं।

यहां आए दिन आने वाले बर्फीले तूफान और खून जमा देने वाली कड़कड़ाती ठंड जवानों की जान की सबसे बड़े दुश्मन हैं, जिस कारण अब तक ना जाने कितने वीर जवान अपनी जान गंवा चुके हैं।

सियाचिन की आकर्षक सुंदरता

सामरिक दृष्टि से सियाचिन हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। सियाचिन ग्लेशियर की दुर्गम चोटियां अब तक पर्वतारोहियों को आकर्षित करती रही हैं और उनके साहस का इम्तेहान ले चुकी हैं।

सियाचिन की आलौकिक और अनदेखी सुंदरता का वर्णन कभी-कभी सुनने और पढ़ने को मिल जाता है, जिससे हर आम व्यक्ति के लिए इस स्थान को देखने का सपना हो जाना स्वभाविक है।

अगर भारत सरकार ने सियाचिन को आम जनता के लिए खोलने का साहसिक निर्णय लिया है, तो उसका दिल खोलकर स्वागत करना चाहिए।

इसके लिए भारत सरकार ने हर स्तर पर तैयारियां कर रही होगी क्योंकि सरकार के लिए आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरी है लेकिन सरकार के साथ-साथ आम इंसान की भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है।

सियाचिन की सुरक्षा भी ज़रूरी

सियाचिन ग्लेशियर पर्यावरण के लिहाज से भी हमारे देश और दुनिया के लिए विशेष महत्व रखता है। इसकी सुरक्षा के लिए हमें इसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि यह कड़वा सत्य है कि जहां-जहां इंसान के पांव पड़े है, वहां प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान ज़रूर पहुंचा है।

उम्मीद है, आपको इस लेख के माध्यम से सियाचिन ग्लेशियर से संम्बधित महत्वपूर्ण जानकारियां मिली होगी।

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