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तमाम कार्यक्रमों के बावजूद क्यों कमज़ोर है भारतीय शिक्षा व्यवस्था की बुनियाद?

फोटो साभार- Flickr

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जिस देश की शिक्षा प्रणाली उच्च कोटि की होती है, वह देश बहुत तेज़ गति से विकास करता है। अत: प्रत्येक देश के विकास में उस देश की शिक्षा प्रणाली का बहुत बड़ा योगदान होता है। आज के समय में भी भारत की शिक्षा प्रणाली बहुत अच्छी नहीं है।

भारत की शिक्षा प्रणाली में बहुत सी कमियां हैं, जिनमें सुधार करना बहुत आवश्यक है। यदि भारत को अधित तेज़ गति से विकास करना है, तो भारत को अपनी शिक्षा व्यवस्था को उच्च स्तर की बनानी होगी। भारत सरकार द्वारा भारत की शिक्षा प्रणाली मे सुधार के लिए समय-समय पर अनेक प्रोग्राम चलाए जाते हैं मगर वावजूद इसके शिक्षा व्यवस्था में व्यापक स्तर पर कोई सुधार नहीं देखने को मिली है।

भारत की बढ़ती जनसंख्यां को देखते हुए शिक्षा व्यवस्था में अनेक कमियां हैं, जिनका सुधार किया जांना आवश्क है। सुझाव के तौर पर कुछ बातों को जानना बेहद ज़रूरी है।

कंप्यूटर युग में शिक्षकों को भी स्मार्ट बनाना होगा

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आज का युग कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। आज के समय मे प्रत्येक स्टूडेंट को बेसिक कंप्यूटर की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आज के समय मे हर क्षेत्र मे कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है। अतः सरकार को प्रत्येक स्कूल मे निःशुल्क बेसिक कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।

भारत सरकार को सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत करनी चाहिए, जिससे स्कूलों में स्टूडेंट्स बोर ना हों, तेज़ी से सीखें और आधुनिक तकनीक से रुबरु हो सकें। स्मार्ट क्लास में बच्चे बहुत तेज़ गति से सीखते हैं।

प्रत्येक देश का विकास उस देश के नागरिकों की शिक्षा के स्तर पर बहुत अधिक निर्भर करता है। इसलिए विकसित देशों में अविकसित देशों की तुलना में शिक्षा पर अधिक व्यय किया जाता है। अत: यदि भारत को अपनी शिक्षा के स्तर को उपर उठाना है, तो राष्ट्रीय आय का एक निश्चित भाग शिक्षा पर व्यय करना होगा।

शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल ज़रूरी

स्कूली शिक्षा के साथ-साथ खेल को भी महत्व दिया जाना चाहिए, क्योंकि खेल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। खेल हमारे शारीरिक एव मानसिक दोनों ही विकास का श्रोत है। खेल बच्चों का दिमागी विकास करने में लाभकारी है।

अतः प्रत्येक स्कूल में खेलों की व्यवस्था की जानी चाहिए। अभिभावक जागरुक रहेंगे तभी बच्चों की शैक्षणिक प्रगति सम्भव है। सरकार को अभिभावकों को जागरुक करने के लिए भी प्रोग्राम चलाने चाहिए।

स्कूलों को परंपरागत पाठ्यक्रमों को हटाकर अब कौशल आधारित शिक्षा देनी चाहिए। जिस स्टूडेंट की जिस भी विषय मे दिलचस्पी हो, उसे उसी विषय की शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। कौशल आधारित शिक्षा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि स्टूडेंट्स आत्मनिर्भर बनेंगे।

वेसे भारत सरकार ने भी अब अपना पूरा फोकस स्किल इंडिया प्रोग्राम पर रखा है। आज हमारे देश में ऐसे और भी कार्यक्रमों की शुरुआत करने की ज़रूरत है।

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