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“हैदराबाद की घटना सिस्टम द्वारा महिला सुरक्षा की अनदेखी को दर्शाती है”

कल दिल को सहमा देने वाली घटना हुई। साइबराबाद तेलंगाना में एक 26 वर्षीय वेटनरी डॉक्टर का जला हुआ शव एक किसान को मिला। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार पहले उस डॉक्टर का बलात्कार हुआ और फिर उनका खून करके लाश को जला दिया गया। इस केस में पुलिस ने 4 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया है।

क्या थी पूरी घटना

फोटो प्रतीकात्मक है।

26 वर्षीय वेटनरी डॉक्टर अपने घर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित वेटनरी हॉस्पिटल में काम करती थीं। वहां तक जाने के लिए हैदरबाद-बैंगलोर नेशनल हाईवे को पार करना पड़ता है। घरवालों के मुताबिके डॉ प्रियंका शमशाबाद टोल प्लाज़ा तक अपने टू-व्हीलर से जाती थीं।

बुधवार के दिन भी यही हुआ। डॉक्टर वेटनरी हॉस्पिटल से टोल प्लाज़ा पर लौटी और वहां से एक और क्लिनिक पर जाने के लिए रवाना हो गईं। रात 9 बजकर 22 मिनट का समय था, जब डॉक्टर ने अपनी बहन को फोन पर बताया कि उनके टू-व्हीलर का एक टायर पंक्चर हो गया है और उन्हें डर लग रहा है।

वह अपनी बहन से फोन पर बात ही कर रही थीं कि उन्हें किसी अजनबी ने मदद की पेशकश की। हालांकि बहन ने उसे सलाह दी कि वह कोई कैब ले और घर आ जाएं। इसके बाद उनकी अपनी बहन से कोई बातचीत नहीं हुई और उनका फोन ऑफ बताने लगा। अगले दिन उनकी लाश मिली।

 

आज पूरा देश सदमे में है लगता है कि 2012 के निर्भया गया गैंग रेप वाले केस के बाद भी हमने कुछ नहीं सीखा है। तब भी वही हुआ था और पूरे एक हफ्ते तक हाथों में तख्ती लेकर हज़ारों लोग इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गए थे।

क्या इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है?

हां बिल्कुल और उसके लिए एक सवाल और कुछ सुझाव ज़रूरी हैं।

सवाल यह है कि क्या महिला डॉक्टरों और नर्स को जो इतनी दूर से काम करने आती हैं, उनको हॉस्पिटल की तरफ से मुफ्त बस सेवा मिली हुई है या नहीं? मेरे ख्याल से तो नहीं, वरना यह दुर्घटना नहीं होती। जिस कंपनी में मैं काम करता हूं वहां नाईट शिफ्ट के लिए आने वाली या देर रात जिनकी शिफ्ट खत्म होती है, उन लड़कियों को फ्री कैब की सुविधा है।

अब मेरे कुछ सुझाव

मेरा सुझाव यह है कि रात के वक्त प्राइवेट कंपनियां जो, टैक्सी और कैब के कारोबार में हैं, उन्हें महिलाओं को किराए में 50% तक की छूट देनी चाहिए। साथ में महिला ड्राइवर की भी सुविधा होनी चाहिए। ये कैब सर्विस सिर्फ महिलाओं के लिए हों। इन कैब्स को एक नए ऐप्लिकेशन से मॉनिटर किया जाए, जिसमें हर कंपनी की कैब्स की जानकारी शो हो।

अगर प्राइवेट कंपनियां तैयार ना हों तो सरकार एक व्यवस्था बनाए कि अगर कोई महिला किसी ऐसी जगह पर है, जहां उसे खतरा है, तो वह सबसे नज़दीकी पुलिस स्टेशन में उसे घर छोड़ने की मांग कर सके, जिसपर जल्द ही अमल हो।

हर लड़की के लिए मार्शल आर्ट या मुक्केबाज़ी जैसे लड़ने की जो कलाएं हैं, उसकी शिक्षा अनिवार्य की जाए। अगर महिला कैब ड्राइवर्स का इंतज़ाम किया जाता है, तो उन्हें लड़ने की कला भी सिखाई जाए, इसे अनिवार्य करना ज़रूरी है।

हमारे देश में निर्भया गैंगरेप के बाद रेप की घटना में सज़ा के मामले में कानूनी सख्ती की गई है लेकिन आज भी ऐसे समाज के निर्माण में हम नाकामयाब हो रहे हैं, जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो ही ना। इस दिशा में हम सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है।

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