Site icon Youth Ki Awaaz

जानिए ई-लर्निंग आपके व्यावसायिक विकास में कैसे सहायक है

Representative image.

पारंपरिक संस्थानों में चॉक-बोर्ड की सहायता से शिक्षा प्रदान करना एक मात्र साधन था परन्तु आधुनिक समय में तकनीकी उन्नति के चलते स्टूडेंट्स ई-लर्निंग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।

IBEF की एक रिपोर्ट के अनुसार,

भारत, अमेरिका के बाद ई-लर्निंग का प्रयोग करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

ई-लर्निंग, शिक्षा प्रणाली के एक सकारात्मक पहलू के रूप में कार्य करता है तथा कौशल विकास को डिग्री से अधिक महत्व देता है। इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, शिवम अरोड़ा की इस कहानी के माध्यम से जानते हैं कि किस तरह उन्होंने कुछ ऑनलाइन प्रशिक्षणों के बाद सफलतापूर्वक 6 इंटर्नशिप्स प्राप्त किए। 

शिवम, यूपी के एलनहाउस बिजनेस स्कूल में बीबीए द्वितीय वर्ष के छात्र थे। शिवम ने कौशल के महत्व को तब समझा, जब उन्होंने डीटीयू, दिल्ली में एक इंटर्नशिप मेले में भाग लिया। कौशल की कमी के कारण कई रिजेक्शनों ने उन्हें निराश कर दिया। हालांकि, उन्होंने आत्मविश्वास नहीं खोया और अपने कौशल विकास की ओर ध्यान देने का निर्णय लिया। उन्होंने एडवांस एक्सेल, बिज़नेस कम्युनिकेशन और डिजिटल मार्केटिंग के ऑनलाइन प्रशिक्षणों में प्रवेश लिया। 

एक ओर जहां एडवांस एक्सेल प्रशिक्षण ने उन्हें मैथमैटिकल, स्टैटिस्टिकल तथा अन्य अवधारणाएं सीखने में सहायता दी, वहीं दूसरी ओर बिज़नेस कम्युनिकेशन स्किल्स प्रशिक्षण ने उन्हें कॉर्पोरेट जगत में कुशल संचार के महत्व को समझने में सहायता की।

डिजिटल मार्केटिंग प्रशिक्षण की सहायता से उन्होंने SEO, गूगल एडवर्ड्स, पेड मार्केटिंग, मोबाइल मार्केटिंग और कई अन्य ऑनलाइन मार्केटिंग पहलुओं का प्रयोग करना सीखा। इन सभी प्रशिक्षणों को पूरा करने के बाद, शिवम ने अपने रिज्यूम में अपने नए कौशल का विवरण किया।

विभिन्न क्षेत्रों में उनके ज्ञान को देखते हुए, कई कंपनियों ने इंटर्नशिप्स के लिए उनका चयन किया। जल्द ही, उन्होंने अर्न विद ब्रेन्स, क्रिएशन क्रैडल, स्पोर्ट्स कैफे, कोड ग्राउंड और कई अन्य कंपनियों के साथ इंटर्न के रूप में कार्य किया। उन्होंने कई सांगठनिक ज़िम्मेदारियों को संभाला, जिनमें ऑनलाइन कैंपेन के लिए योजना बनाने से लेकर उसे विज्ञापित करने तक का कार्य उन्होंने सजग रूप से किया। 

उनके व्यावसायिक विकास में किन कारकों ने उनकी मदद की?

फोटो प्रतीकात्मक है।

असफलताओं के बावजूद, कड़ी मेहनत करने की उनकी इच्छा तथा कौशल विकास की ओर उनकी निष्ठा ने उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाया। भारत में अनेक स्टूडेंट्स शिवम की तरह इंटर्नशिप व नौकरी पाने में कठिनाइयों से जूझते हैं परन्तु सफलता का मार्ग नहीं खोज पाते।

आइए जानते हैं किस प्रकार ई-लर्निंग स्टू़ेंट्स की सहायता करती है

ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म विशेष रूप से डोमेन और सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हैं ताकि फ्रेशर्स, बिना किसी कार्यानुभव भी, अपने अप-टु-डेट रिज्यूम की सहायता से बड़ी कंपनियों का हिस्सा बन सकें।

ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स ओनरशिप के साथ, किसी भी चीज़ के प्रति प्रेरित, समयनिष्ठ और समर्पित होने की कला को सीखते हैं। समय के साथ कोई भी तकनीकी कौशल सीख सकता है लेकिन जो ओनरशिप लेने की गुणवत्ता विकसित करते हैं, वे सफलतापूर्वक अपने नियोक्ताओं का दिल जीतते हैं।

उदाहरण के लिए, एंड्रॉइड ऐप डेवलपमेंट ट्रेनिंग के लिए आपको कोटलिन और XML का उपयोग कर एक नवीन ऐप डिज़ाइन और डेवलप करना होता है और डेटा साइंस प्रशिक्षण आपको एंड-टू-एंड प्रेडिक्टिव मॉडल डिज़ाइन करने के लिए प्रेरित करता है। ऑनलाइन प्रशिक्षण सुनिश्चित  करते हैं कि आप ना केवल ऑडियो-विज़ुअल लेक्चर के माध्यम से पढ़ें, बल्कि अपनी क्षमताओं का विश्लेषण करने के लिए अपनी सीख को लागू भी करें। ऐसे प्रशिक्षण तथा परियोजनाएं आपके प्रैक्टिकल कौशल बढ़ाते हैं, आपके रिज्यूम को मूल्यवान बनाते हैं और आपको किसी भी व्यावसायिक क्षेत्र में अपने नाम का परचम लहराने का अवसर देते हैं। 

निष्कर्ष

अपने विभिन्न लाभों के साथ, ई-लर्निंग ना केवल स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि यह कार्यरत लोगों के जीवन का भी एक प्रमुख हिस्सा बन गया है। ऑनलाइन प्रशिक्षणों में प्रवेश लेने से आपके व्यावसायिक विकास में मदद मिलती है, आपके व्यक्तित्व में सुधार होता है तथा आपके डोमेन और सॉफ्ट स्किल्स पहले से कहीं ज़्यादा बेहतर हो जाते हैं। इन सभी गुणों के माध्यम से आप एक फ्रेशर के रूप में भी एक आदर्श नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।

________________________________________________________________________________

लेखक के बारे में- सर्वेश अग्रवाल, इंटर्नशाला के संस्थापक और सीईओ हैं। इंटर्नशाला, एक इंटर्नशिप व ट्रेनिंग प्लैटफॉर्म हैं

Exit mobile version