आखिर हमारा गुनाह क्या है, जो हमें इतना परेशान किया जा रहा है। सच तो यही है कि एसी दफ्तरों में बैठने वाले गरीबों की परेशानी नहीं समझ सकते।
यह कहना है एक कर्मचारी का जिसने ताउम्र एक संस्थान में अपनी सेवाएं दी और अब रिटायरमेंट के बाद अपने और अपने परिवार के जीवन बसर के लिए न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहा है।
ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने पूरे देश में आंदोलन करने का निर्णय किया है।
दिसंबर में रास्ता रोको अभियान
एनएसी का कहना है कि संगठन में शामिल पेंशनभोगी दिल्ली में अगले महीने रास्ता रोको अभियान चलाएंगे। एनएसी के राष्ट्रीय संयोजक और अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा,
30-30 साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुज़र-बसर करना कठिन है।
एनएसी कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 के दायरे में आने वाले कामगारों के लिए मासिक मूल पेंशन के रूप में 7,500 रुपये के साथ इस पर महंगाई भत्ता देने, कर्मचारियों के पति/पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा, संगठन ने पेंशन के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने तथा ईपीएस-95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग की है।
कई सालों से चल रहा है संघर्ष
यह संघर्ष आज का नहीं है। 6 दिसंबर 2017 को भी श्रम मंत्रालय ने पेंशनधारकों को यह आश्वासन दिया था कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 (ईपीएस-95) के अंतर्गत आने वाले पेंशनभोगियों को आंतरिक राहत के तहत न्यूनतम 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है जो बाद में यह बढ़कर 7,500 रुपये हो सकती है। लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ जिसे देखते हुए अब राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने पूरे देश में आंदोलन करने का फैसला ले लिया है।
हम लगातार उत्पीड़न, शोषण और नाइंसाफी झेल रहे हैं। ईपीएस-95 के पेंशनर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में काफी लंबा संघर्ष किया है। लंबे समय से सरकार से कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक किये जाने तथा उस पर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने आंदोलन के बारे में कहा,
अपनी मांगों के समर्थन में पेंशनभोगियों ने दिल्ली में सात दिसंबर से रास्ता रोको आंदोलन शुरू करने का निर्णय किया है। इसके अलावा, पेंशनभोगी गाँव से लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।
क्या है आंदोलन की योजना?
संगठन के बयान के अनुसार,
- पेंशनभोगी 1 नवंबर से 10 नवंबर तक गाँव से लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।
- 4 से 6 दिसंबर तक वे दिल्ली में आंदोलन करेंगे।
- मांगें नहीं मानने पर वे 7 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रास्ता रोको आंदोलन शुरू करेंगे।
समीति का दावा है कि करीब 65 लाख ईपीएस पेंशनभोगी उनके साथ जुड़े हैं। जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढ़ाई हज़ार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के ज़माने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है। ईपीएस-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं, नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है।
इसके अलावा, पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान करती है। राउत ने दावा किया है कि कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी है।
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— UPENDRA EPS-95 Pensioner(अल्प पेंशन धारक) (@upeps_95) November 8, 2019