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“ईमेल से शुरू हुए एकतरफा प्यार ने मुझे मानसिक तनाव में डाल दिया”

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

मुझे प्रेम पर लिखना पसंद है इसलिए मैं प्रेम को आधार मानकर लिखती हूं। मेरे लिए प्रेम पर लिखना अपने वजूद को तलाशने जैसा है क्योंकि मुझे मोहब्बत इस संसार की सबसे बेहतरीन कृति लगती है, जिसमें केवल देने की चाह होती है।

सच कहूं जब मैं प्रेम पर लिखती हूं, तो वहां केवल कल्पना का आधार होता है क्योंकि लिखने के लिए आपको स्वयं के अंदर उन भावनाओं को जीना पड़ता है तथा उसे ही आधार मानकर आपने मन की आवाज़ को कोरे कागज़ों पर सजाया जाता है।

ईमेल से शुरू हुई थी बात

अभी कुछ वक्त पहले मेरा एक आलेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें मैंने “मर्दानगी और इज्ज़त के सही मायने” पर लिखा था। मेरे उस आलेख को लोगों का बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था और मुझे कई सारे प्रोत्साहन भरे ईमेल्स भी आए थे।

मैंने सभी के ईमेल्स का जवाब दिया, जिसमें से कुछ के रिप्लाई भी आए कि वह मुझे और पढ़ना चाहते हैं। कुछ ने बताया कि वह अकसर मेरी रचनाओं को पढ़ते हैं और फॉलो करते हैं। यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई। कुछ लोगों ने मुझसे सीधे जुड़ने के लिए फेसबुक पर फॉलो करना शुरू किया और यही से मेरी एक परेशानी शुरू हुई।

  फोन पर भेजी गई मैसेज की तस्वीर।

एक लड़का जिसका नाम प्रणव वत्स था, उसने मुझसे बात करना शुरू किया। जब समय मिला तब मैंने भी उसका रिप्लाई किया। उसने कहा कि आप बहुत अच्छा लिखती हैं और आपसे मुझे भी कुछ सीखने को मिलेगा। मैंने धन्यवाद कहा और बात वहीं खत्म हो गई।

मुझसे मांगे रोज़ाना 10 मिनट

कुछ समय बाद उसने कहा, “क्या आप मुझे रोज़ अपना 10 मिनट देंगी?” इस पर मैंने कहा, “मैं क्यों आपको अपना 10 मिनट दूं? आपको पढ़ना पसंद है तो आप पढ़ा कीजिए बाकि जैसे वक्त मिलेगा मैं आपको रिप्लाई ज़रूर करूंगी।”

उसने आगे कहा, “आप मेरी बात क्यों नहीं समझ रहीं? मैं एक साल से आपसे प्यार करता हूं।”

फोन पर भेजी गई मैसेज की तस्वीर।

मैंने यह बात जानने के बाद उसे कहा कि आप इन सब चीज़ों से बाहर निकल जाइए। मैं प्रेम पर लिखती हूं, इसका मतलब यह नहीं कि मेरी ज़िन्दगी में कोई है या मुझे कोई चाहिए ही। बेहतर यही होगा कि आप इन सबसे बाहर आ जाएं।

नंबर ना मिलने पर जान देने की बात

इसके बाद उसके मैसेज पर मैसेज आने शुरू हुए मगर मैंने उसके मैसेज का रिप्लाई नहीं दिया और कुछ समय बाद उसे ब्लॉक कर दिया। ब्लॉक करने के बाद उसका ईमेल आया, जिसमें लिखा था, “अगर आप मुझे अपना नंबर नहीं देना चाहती तो मत दीजिए लेकिन 6 घंटे के अंदर आपका नंबर मेरे पास होगा।”

फोन पर भेजी गई मैसेज की तस्वीर।

उसने आगे कहा, “अगर आपका नंबर मेरे पास नहीं आया तो आपके प्यार कि कसम, मैं अपनी जान दे दूंगा।” आप विश्वास नहीं करेंगे, उस 6 घंटे के दौरान मुझे कई इंटरनैशनल कॉल्स आए लेकिन मैंने किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया। कुछ वक्त बाद मेरे फोन पर एक मैसेज आया, “हेल्लो सौम्या जी।”

सच कहूं तो यह सब देखकर एक ओर मुझे अजीब लग रहा था तो दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था पर हंसी भी आ रही थी कि यह क्या मामला है?

बनाई गई आज तक न्यूज़ की फेक ईमेल आईडी

इसके साथ उस इंसान ने नंबर निकालने और एड्रेस पता करने के लिए न्यूज़ चैनल आज तक की फेक ईमेल आईडी भी क्रिएट की थी।

हालांकि मैंने उसमें अपना नंबर मेंशन ना करके अन्य नंबर को मेंशन किया था, जिसका इस्तेमाल मैं ऑनलाइन कार्यों के लिए करती हूं। इस तरह आज तक की झूठी ईमेल आईडी बनाना और उसका इस्तेमाल करना कितना गलत है, यह बात सबको पता है मगर उस इंसान के अंदर डर की कोई भावना ही नहीं थी, क्योंकि वह केवल मुझे चाह रहा था।

मुझे मानसिक पीड़ा पहुंची

इस तरह कॉल, मैसेज और टेक्स्ट करके उस इंसान ने मुझे मानसिक तौर पर बहुत पीड़ा पहुंचाई मगर मुझे डर नहीं लगा क्योंकि मैं सही थी। मैंने इसके खिलाफ अपने फेसबुक पर भी लिखा था।

इस तरह अगर देखें तो ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मानसिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है। मैंने अपनी बातों को लिखा और आवाज़ उठाई, क्योंकि मेरे पास एक ज़रिया है और लोगों का सपोर्ट भी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Youth Ki Awaaz

क्या आप सोच सकते हैं कि कितनी लड़कियां हर वक्त ऐसे मैसेजेज़ और कॉल्स से जूझती हैं? जिनमें से कुछ बोल पाती हैं तो कुछ अपनी बातों को स्वयं में समेटकर रख लेती हैं, क्योंकि कुछ लोगों का मानना होता है कि लड़की ने ही सामने वाले को बोलने का मौका दिया था।

बिना जाने-समझे लोग कैसे अनुमान की सीढ़ी चढ़ने लगते हैं और लड़कियों को कठघरे में लाकर खड़ा कर देते हैं? कुछ लोगों की यह सोच समझ से परे है।

आखिर क्यों ढीली है प्राइवेसी की व्यवस्था?

इसके साथ ही मुझे प्राइवेसी व्यवस्था पर भी बेहद गुस्सा आया कि कैसे किसी इंसान का नंबर कोई इतनी आसानी से ट्रैक कर लेगा। सरकार प्राइवेसी और निजता के हनन के खिलाफ एक्शन लेने की बात तो करती है मगर कोई सुधार क्यों नहीं दिखता, यह बात समझ के परे है। ऐसा रहा तो हर इंसान के लिए नंबर निकालना आसान बात होगी और ऐसा हुआ भी।

हालांकि मैंने अपने फेसबुक पर अपने कोई डिटेल्स नहीं भरे हैं फिर भी मेरा नंबर निकाला गया। यह मेरा पर्सनल मामला है कि किससे बात करना है और किससे नहीं करना है? कोई ज़बरदस्ती नहीं होनी चाहिए और यह कैसा प्यार है, जिसमें मेरा मन ही ना हो और मुझे सब कुछ थोपा हुआ सा लगे?

वेबसाइट्स बताते हैं नंबर निकालने के तरीके

आज कल तो कई वेबसाइट भी तरीके बता रहे हैं कि अगर लड़की पसंद है तो नंबर कैसे निकालें। मतलब यह तो हद ही हो गई, लड़की पसंद है, क्या होता है? लड़की से नहीं पूछना है क्या कि सामने वाला पसंद है या नहीं? इसके अलावा भी कई तरीके हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Flickr

जितनी ज़्यादा एडवांस आज की टेक्नोलॉजी हुई है, उतने ही ज़्यादा क्राइम भी बढ़े हैं इसलिए सचेत रहना बहुत आवश्यक हो जाता है। बिना सोचे-समझे किसी भी वेबसाइट, ईमेल या डॉक फाइल में अपनी बातों को शेयर करने से पहले कई बार सोचना बहुत ज़रूरी हो जाता है।

आवाज़ उठाना ज़रूरी है

इस विषय पर मैं केवल इतना कहूंगी कि प्रेम पर लिखना और उसे महसूस करना मुझे पसंद है, क्योंकि जो लोग लिखते हैं वे कल्पना के सागर से मोती चुनने का कार्य करते हैं। प्रेम पर लिखने के लिए, प्रेम में होना ज़रूरी नहीं होता है।

इसके साथ ही हर लड़की को इस तरह साइबर क्राइम से बचने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि वह इस तरह की बातों से बाहर निकल सके, आवाज़ उठा सके और दूसरों की मदद भी कर सके।

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