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“फॉरेस्ट गम्प फिल्म का रीमेक बनने का नाम सुनकर दिल बैठ सा गया है”

फॉरेस्ट गम्प की रीमेक बनने वाली है जिसमें आमिर खान अभिनय करने वाले हैं। 1994 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘फॉरेस्ट गम्प’ का रीमेक ‘लाल सिंह चड्ढा’ नाम से बनने जा रहा है। पता नहीं क्यों जब से यह बात पता चली है, मैं परेशान भी हूं और कुछ दुखी भी।

फिल्म फॉरेस्ट गम्प का दृश्य, फोटो साभार- फेसबुक

ऐसा नहीं है कि मुझे आमिर की अभिनय क्षमता पर संदेह है। मैं जानता हूं कि आमिर चैलेंजिंग से भी चैलेंजिंग रोल को पूरी परफेक्शन के साथ निभाने के लिए जाने जाते हैं। हॉलीवुड की फिल्म मोमेंटो पर बनी फिल्म गजनी में उन्होंने शानदार अभिनय किया मगर फॉरेस्ट गम्प, यह मेरे लिए यह एक फिल्म ही नहीं एक परी कथा सी है, एक कहानी जिसमें कई अद्भुत कहानियां हैं।

फिल्मों से मेरे प्यार का कारण है फॉरेस्ट गम्प

फॉरेस्ट गम्प वह फ़िल्म है जिसके कारण मुझे फिल्मों से प्यार हुआ। जिसका हर शॉट, हर कैरेक्टर, हर डायलॉग मास्टरपीस है।

अगर सभी बेहतरीन फिल्मों को मिलाकर एक ग्रंथ बनता तो उसमें फॉरेस्ट गम्प, दि शॉशैंक रिडेम्पशन,परफ्यूम, अवतार, पल्प फिक्शन, चिल्ड्रेन ऑफ हेवेन जैसी कुछ फिल्में ज़रूर शामिल होतीं लेकिन अधिकतर पन्ने फॉरेस्ट गम्प के बारे में ही बताते।

फिल्म फॉरेस्ट गम्प का दृश्य, फोटो साभार- फेसबुक

फॉरेस्ट गम्प’ को अमेरिकी सिनेमा की सर्वाधिक चर्चित और पसंदीदा फिल्मों में गिना जाता है। इस फिल्म ने 1995 में अमेरिकी सिनेमा में मील का पत्थर कही जाने वाली दो फिल्मों को पीछे छोड़कर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ऑस्कर पुरस्कार जीता था। ये फिल्में भी महान फिल्मों की फेहरिस्त में शुमार हैं। ये थी पल्प फिक्शन और दि शॉशेंक रिडेम्पशन।

ज़िंदगी के फलसफे को दर्शाती है फॉरेस्ट गम्प

एक आदमी पूरे जन्म में जो कुछ नहीं कर सकता उतना फिल्म का मन्दबुद्धि नायक यानी कि फॉरेस्ट गम्प कुछ सालों में कर जाता है और फिर भी फिल्म कहीं से भी बनावटी नहीं लगती। फिल्म में टॉम हैंक्स भी हैं जिन्होंने कई शानदार फिल्मों में एक से बढ़कर एक जानदार रोल निभाए हैं। इनमें कास्ट अवे, इनफर्नो, द ग्रीन माइल, द टर्मिनल, स्लीपलेस जैसी उम्दा फिल्में शामिल हैं मगर पर फॉरेस्ट गम्प की बात ही कुछ और है।

फिल्म फॉरेस्ट गम्प का दृश्य, फोटो साभार- फेसबुक

मैंने ये फिल्म शायद बीस या 22 बार देखी होगी। इनमें अधिकतर बार हिंदी डब में और चार या पांच बार ऑरिजनल वॉयस में। यकीन मानिए अब भी जब इस फिल्म को देखता हूं तो उतना ही मज़ा आता है, जितना पहली बार में आया था।

फिल्म के कई संवाद ऐसे हैं जो अपने आप में ज़िंदगी का सार हैं। मसलन, स्टूपिड इज़ एज़ स्टूपिड डज़ (Stupid is as stupid does) यानी कोई आदमी उतना ही बेवकूफ है जितनी वह बेवकूफी करे। इसके अलावा लाइफ इज लाइक अ बॉक्स ऑफ चॉकलेट्स (Life is like a box of chocolates) और ऐसे ही कई डायलॉग ज़िंदगी का फलसफा सिखाते हैं।

फिल्म के बारे में लिखने लगा तो किताब बन जाए

फिल्म ऐसी बनी है कि अमेरिका की राष्ट्रीय लाइब्रेरी का दर्ज़ा रखने वाली लाइब्रेरी ऑफ काँग्रेस ने 2011 में अपनी नैशनल फिल्म रजिस्ट्री के अंतर्गत इस पॉपुलर फिल्म को संरक्षित करने का फैसला लिया था।

सुना है, इस फिल्म की पटकथा में शामिल झींगे (श्रिम्प) वाले एक सब-प्लॉट से प्रभावित होकर अमेरिका भर में कई ‘बूबा गम्प’ नाम के रेस्तरां तक खुले हुए हैं। बूबा, फिल्म में फॉरेस्ट गम्प का अश्वेत दोस्त था, जिसे झींगा पकड़ने का अपना पारिवारिक व्यवसाय छोड़कर वियतनाम युद्ध में शामिल होना पड़ता है।

फिल्म फॉरेस्ट गम्प का दृश्य, फोटो साभार- फेसबुक

उसकी मौत के बाद गम्प उसे दिया एक वचन पूरा करने के लिए समंदर में उतर जाता है। इस फिल्म के बारे में मेरे पास लिखने के लिए इतना कुछ है कि लिखने लगूं तो शायद किताब बन जाए।

अगर फॉरेस्ट गम्प की रीमेक बनाते समय फिल्म डायरेक्ट और इसके अभिनेता न्याय ना कर पाए तो इससे शायद मेरे अंदर के दर्शक को गहरा आघात लगेगा। मैं यह तो जानता हूं कि फिल्म के हर सीन को रि-क्रिएट किया जाएगा पर इस फिल्म को भारतीयता से लबरेज़ करना पड़ेगा।

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