स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लोकार्पण के एक वर्ष पूरा होने व सरदार पटेल जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को गुजरात के कवडिया गए। इस दिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन प्रधानमंत्री के इस दौरे का गुजरात के आदिवासी समुदाय के लोग विरोध कर रहे थे।
आदिवासियों ने पीएम मोदी के कार्यक्रम के विरोध में केवड़िया बंद का ऐलान किया था। उस दौरान कोई अनहोनी ना हो इसलिए प्रशासन ने भी एतिहात के तौर पर कई आदिवासी नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
काले गुब्बारे उड़ाकर किया था विरोध
बता दें कि गत वर्ष 31 अक्टूबर के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध के पास स्थित नडाबेट टापू में विश्व की सबसे ऊंची सरदार पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण किया था। तब स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के कारण अपनी ज़मीन गंवाने वाले अदिवासियों व स्थानीय लोगों ने आसमान में काले गुब्बारे उड़ाकर प्रधानमंत्री का विरोध किया था।
वर्तमान की बात करें तो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बाद सरकार अब जंगल सफारी पार्क विस्तार की योजना में है। इसके लिए पुलिस द्वारा अवैध निर्माण दूर कर रही है जिससे स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है। इस गुस्से और पिछले वर्ष के विरोध को देखते हुए इस बार पुलिस पहले से ही सतर्क हो गई थी ताकि प्रधानमंत्री के आने पर ऐसी घटनाएं ना हो।
आदिवासियों नेताओं की गिरफ्तारी
प्रधानमंत्री के कवडिया आने से पहले प्रशासन ने कई आदिवासी नेताओं को हिरासत में ले लिया था। इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए इंडिजीनस आर्मी ऑफ इंडिया के संस्थापक और आदिवासी नेता डॉक्टर प्रफुल वसावा ने कहा,
पीएम मोदी सरदार पटेल की जन्म जंयती एकता दिवस के रुप में मना रहें हैं, तो गुजरात के आदिवासी इसे राष्ट्रीय आफत दिवस के तौर पर मना रहे हैं। प्रदेश भर के आदिवासी समाज के लोग इस विरोध में हिस्सा लेने वाले हैं।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और मोदी के आगमन के कड़े विरोध को देखते हुए हमारे गुजरात के आदिवासी लड़ाकू साथी डॉ.@PrafulVsv को @GujaratPolice ने गिरफ्तार कर लिया। मिस्टर @narendramodi केवडिया के हजारों आदिवासियों की ज़मीन को हड़पने की तानाशाही हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे, ध्यान रहें। pic.twitter.com/GOZeFNQbYi
— Sushil.M.Kuwar (@kuwar_sushil) October 31, 2019
उन्होंने सरकार के रवैये और आदिवासी नेताओंणको लेकर कहा,
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां हर वर्ग के लोगों को अपने हक के लिए आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन भाजपा की हिटलरशाही सरकार ने लोगों की आवाज़ दबाने के लिए आंदोलन करने वाले नेताओं व अन्य लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें जेल में बंद कर रही है।
उन्होंने कहा,
अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आगामी दिनों में हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की खलल पैदा ना हो इसलिए पुलिस ने आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा, नरेन्द्र तड़वी, रोहित प्रजापति, शैलेष तड़वी, कृष्णकांत, जीकु तड़वी और रामकृष्ण सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया है।