व्हाट्सएप्प के मालिकाना हक वाली कंपनी फेसबुक ने इज़रायली कंपनी NSO के खिलाफ जासूसी का मामला दर्ज कराया है।
कैसे करता है सॉफ्टवेयर काम?
NSO कंपनी पेगॅसस नाम के सॉफ्टवेयर द्वारा व्हाट्सएप्प की जासूसी करती है। यह सॉफ्टवेयर इतना अत्याधुनिक है कि जिस व्हाट्सएप्प अकाउंट की जासूसी करनी हो उसे एक वीडियो कॉल दिया जाता है। अगर उस व्यक्ति ने इस वीडियो कॉल को एक्सेप्ट किया तो यह सॉफ्टवेयर उस व्यक्ति के मोबाइल में घुस जाता है और संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करता है।
क्या कहा इज़रायली कंपनी ने
कंपनी ने ऐसे किसी भी टेक्नोलॉजी से इनकार नहीं किया, बल्कि सिर्फ यही कहा है हम किसी भी व्यक्ति को यह टेक्नोलॉजी नहीं देते हैं। हमारे कस्टमर अलग-अलग देशों की सरकारें हैं। राष्ट्रहित और आतंकवाद को रोकने के लिए कंपनी द्वारा यह टेक्नोलॉजी अलग-अलग देशों की सरकारों को दी जाती हैं। यह बयान कंपनी ने अधिकृत तौर पर दिया है।
केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप्प को भेजा है नोटिस
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार, इस मामले को ज़ोर पकड़ता देखते हुए व्हाट्सएप्प को नोटिस भेजकर अपनी बात रखने को कहा गया है। इस मामले में 4 नवंबर तक जवाब मांगा गया है। रविशंकर प्रसाद ने इस मामले में बताते हुए कहा,
सरकार व्हाट्सएप्प के भारतीय यूज़र्स की निजता को लेकर चिंतित है। हमने व्हाट्सएप्प से पूछा है कि भारतीय नागरिकों के डाटा की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी एजेंसियों के पास कॉल इंटरसेप्शन का स्थापित प्रोटोकॉल है। राष्ट्रहित के समुचित कारणों से केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कॉल इंटरसेप्ट करने की अनुमति दी जाती है।
अब 4 नवंबर को देखना है कि व्हाट्सएप्प इस मामले में क्या जवाब देता है।