12 दिसम्बर 2019 नई दिल्ली, मुहम्मद आदिल
अल्पसंख्यक हिसेदारी आंदोलन के नजरिये से भारत के मुसलमान का NRC और CAB से डर वाजिब है क्योकि NRC और CAB को समझने के लिए हमे असम के हालात को समझना होगा वहाँ NRC हुआ जिसमें 19 लाख लोग भारतीयता साबित नही कर सके जिसमे 5 लाख मुस्लिम और बाकी हिन्दू थे। ये परिणाम बीजेपी के सोच के अनुरूप नही थे इसलिए CAB लाया गया अब पूरे देश मे NRC होगा। और जो मुस्लिम NRC में भारतीय नागरिकता साबित नही कर सका उसे CAB झेलनी होगी। भारतीय मुसलमान अपने ही देश मे घुसपैठिया कहलाएगा और उसे जेलो से बदतर डिस्टेंशन सेंटरों में कैद किया जाएगा उनकी जमीन जायदात से बेदखल कर दिया जाएगा। वाकी लोग (मुस्लिमो से अलग) NRC में नागरिकता साबित नही कर सकेंगे तो उन्हें भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी चाहे वो घुसपैठिया ही हो।
इसी लिए NRC से पहले CAB बिल को लाया गया है जिसमे ये कहा गया है कि इसमें सभी धर्म के विदेशी लोगो (सिर्फ मुसलमानो को छोड़कर) को नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि ये देशके संविधान की मूल भावना के विपरीत है ये संविधान के आर्टिकल 14 के मूल्यों का खुला उलंघन है।इस बिल में कही भी ये उल्लेख नही है कि मौजूद दौर में ये किन शर्णार्थियो के हितो की रक्षा करेगा, किस तिथि तक भारत मे आए लोगों को इस बिल का लाभ मिलेगा ये बिल कबसे लागू होगा, भविष्य में होने वाली NRC आने वाले परिणामो का देश कि मुस्लिम आवादी पर क्या असर् पड़ेगा।