विश्वभर में क्लाइमेट चेंज को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा हो रही है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है और इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता बन गई है।
द इंटरनेशनल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) के आंकड़े दर्शाते हैं कि 19वीं सदी के अंत से अब तक पृथ्वी की सतह का औसत तापमान लगभग 1.62 डिग्री फॉरेनहाइट (अर्थात् लगभग 0.9 डिग्री सेल्सियस) बढ़ गया है। आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि यह समय क्लाइमेट चेंज की दिशा में गंभीरता से विचार करने का है।
क्लाइमेट चेंज का एक सकारात्मक पहलू यह है कि आज का यूथ इसके खिलाफ सजग है। चाहे वह क्लाइमेट चेंज के खिलाफ कैंपेन चलाने वाली ग्रेटा थनबर्ग हो या दिल्ली के 16 साल के अमन।
दिल्ली में 11वीं कक्षा के छात्र अमन शर्मा ने भारत सरकार से क्लाइमेट इमरजेंसी घोषित कराने की मांग के लिए मई में ऑनलाइन कैम्पेन शुरू की थी। इस कैम्पेन को अब तक 3.20 लाख से ज़्यादा लोगों का समर्थन प्राप्त हो चुका है।
उनकी याचिका में निम्न मांगे हैं-
- 2020 तक फॉसिल फ्यूल और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना।
- शहरीकरण के लिए जंगलों की कटाई को रोकना।
- नागरिकों के शुद्ध हवा और पानी का अधिकार।
अमन का मानना है कि क्लाइमेट चेंज पर सरकारी कार्य योजना को शहरों के स्तर पर विभाजित करना चाहिए। क्लाइमेट इमरजेंसी में निर्णय लेने वालों का प्रशिक्षण हो और उन्हें जागरुक किया जाए। साथ ही यह भी विचार हो कि इससे कैसे निपटने की ज़रूरत है। परिवहन परियोजनाओं को पूर्ण और उचित तरीके से लागू किया जाए।
दिल्ली के अंबेडकर इंटरनैशनल सेंटर में आयोजित Youth Ki Awaaz सम्मिट 2019 में अमन ने बतया, “मुझे वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का शौक मेरे घर के वराम्दे में एक बुलबुल को देखकर हुआ। लुप्त होती पक्षियों की प्रजातियों के लिए समाधान और प्रतिबद्धता की ज़रूरत है। मैं देख सकता था कि क्लाइमेट चेंज पक्षियों के माइग्रेशन पैटर्न को बाधित कर रहा है। इसके लिए हम सभी को आवाज़ उठाने की ज़रूरत है।”
उन्होंने कहा,
समस्या यह है कि आज हम भारत में पानी की कमी, बढ़ते तापमान और ग्रीन हाउस गैस इफेक्ट से जूझ रहे हैं जिसके खिलाफ हमें मिलकर आवाज़ उठानी होगी। ग्रेटा थनबर्ग के क्लाइमेट चेंज के खिलाफ एक्टिविज़्म #FridayForFuture के बारे में सबने सुना होगा। आज हमें क्लाइमेट एक्शन प्लान की ज़रूरत है।
अमन ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि मैंने सरकार से क्लाइमेट इमरजेंसी लाने की अपील इसलिए की है, क्योंकि यह हमारे भविष्य के लिए बेहद ज़रूरी है। आज शहरीकरण और आधुनिकीकरण के नाम पर जंगलो को बर्बाद किया जा रहा है, जो हमे शुद्ध हवा और पानी के अधिकार से वंचित कर रहा है।