गुजरात में सचिवालय परीक्षा का विवाद लगातार गहराता ही जा रहा है। परीक्षा में काफी बड़े पैमाने की धांधली का आरोप लगाते हुए स्टूडेंट्स पिछले दो सप्ताह से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 4 दिसंबर से गाँधीनगर की सड़कों पर यह विरोध प्रदर्शन और तेज़ हो गया।
गौरतलब है कि गुजरात के सुरेन्द्रनगर ज़िले के एक स्कूल से चोरी करते हुए स्टूडेंट्स की सीसीटीवी फुटेज सामने आते ही स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन और तेज़ हो गया। स्टूडेंट्स द्वारा यह मांग उठने लगी कि किसी भी कीमत पर इस एग्ज़ाम को रद्द किया जाए।
स्टूडेंट्स के खिलाफ सरकार ने सुरक्षाबलों का प्रयोग किया
सोशल मीडिया को हथियार बनाकर गाँधीनगर में स्थित गाँधी मंदिर के पास भाड़ी संख्यां में युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया। सबसे दुखद यह है कि सरकार ने सुरक्षाबलों का उपयोग करते हुए स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज करा दिया जिससे उनका गुस्सा और तेज़ हो गया।
इसी बीच काँग्रेस, एनसीपी और अन्य युवा छात्र संगठनों का समर्थन मिलने पर गुजरात सरकार ने इस विवाद को रोकने हेतु युवाओं के आंदोलनकारी नेता युवराज सिंह जाडेजा और अन्य चार स्टूडेंट्स को बुलाकर एसआईटी गठन किया। इन सबके बीच लगातार स्टूडेंट्स की यही मांग उठ रही है कि किसी भी तरह से एग्ज़ाम को ही रद्द किया जाए।
Students protest the alleged irregularities in Bin Sachivalaya exam in Gandhinagar after Gujarat government announced that it will not cancel the exams.@ahmedabadmirror pic.twitter.com/8KKb9qK7aZ
— Mihir Ved (@MihirMIRROR) December 5, 2019
17 नवंबर को हुई इस परीक्षा की पार्दर्शिता में हुई चूक के सारे प्रूफ सरकार को दने के बाद भी सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया था। अब दबाव में आकर एसआईटी गठित करना भी कहीं ना कहीं सरकार की राजनीति ही दिखाई पड़ती है।
आंदोलन की मुख्य बातें
- 17 नवंबर को सचिवाय क्लर्क एग्ज़ाम में 10 लाख युवाओं का नामांकन।
- गुजरात के पाटन, बनासकांठा, सुरेन्द्रनगर और राजकोट ज़िले में एग्ज़ाम के दौरान चोरी करते हुए स्टूडेंट्स के वीडियो वायरल हुए।
- एग्ज़ाम के 18 दिनों तक सरकार ने इस मामने में कोई कदम नहीं उठाया।
- 4 दिसंबर को युवराज जडेजा नाम के स्टूडेंट ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को आंदोलन के लिए गाँधीनगर बुलाया जिसके बाद भाड़ी संख्या में स्टूडेंट्स वहां पहुंचकर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करने लगे।
- कुछ राजनीतिक पार्टियां, छात्र संगठन और पत्रकार रवीश कुमार का समर्थन मिलने पर इन युवाओं का हौसला बुलंद हुआ।
- गुजरात सरकार ने एसआईटी गठन करते हुए जांच का भरोसा जताया।
- गुजरात के सबसे कम उम्र के आईपीएस अफसर साफीन हसन को बुलाकर सरकार ने उनसे यह अपील करते हुए कहा कि वह युवाओं के बीच सकारात्मक बातें कहें ताकि वे प्रेरित हों।
- सरकार द्वारा गठित एसआईटी 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- गुजरात सरकार द्वारा पहले भी इस तरह की लापरवारी का मामला सामने आया है जिससे स्टूडेंट्स को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि 10 दिनों के बाद जब एसआईटी की रिपोर्ट आती है, तब सरकार एग्ज़ाम को रद्द करती है या इसे जारी रखते हुए स्टूडेंट्स को आगे भी आंदोलन करने पर विवश करती है।