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झारखंड में महागठबंधन की सरकार, भाजपा की करारी शिकस्त

हेमन्त सोरेन

हेमन्त सोरेन

तुमसे पहले वो जो इक शख्स यहां तख़्त नशीं था

उसको भी अपने ख़ुदा होने का इतना ही यकीं था

आज झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम लगभग हमारे सामने है, जिसमें महागठबंधन (जे.एम.एम.+ काँग्रेस+राजद) को 81 सीटों में से 47 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि भाजपा को 25 सीटों पर ही संतोष करना पर सकता है।

झारखण्ड मैं महागठबंधन की सरकार बननी तय है। हेमंत सोरेन जो मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार हैं, उन्होंने स्पष्ट जनादेश देने के लिए राज्य के मतदाताओं को धन्यवाद दिया। साथ ही अपने गठबंधन के प्रमुख नेताओं को भी धन्यवाद दिया और सबको भरोसा दिलाया कि राज्य के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

वहीं, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने झारखंड चुनाव परिणाम आने के बाद हेमंत सोरेन को बधाई दी। हर चुनाव के बाद हमेशा हमें यह देखने को मिलती है कि नेता पूरे चुनाव अभियान में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाज़ी करते हैं। कई बार मर्यादायों को भी ताक पर रख दिया जाता है लेकिन चुनाव के बाद सारे नेतागण एक-दूसरे को बधाई देते दिख जाते हैं।

काश.. ये प्रेम कि भावना हमारे देश के आम नागरिकों के बीच भी बनी रहती, जिसको हमारे नेता बांटने की कोशिश करते रहते हैं।

लगता है मतदाताओं ने अपनी तर्कशक्ति का इस्तेमाल बहुत ही सलीके से किया है, क्योंकि जनादेश सरकार के खिलाफ है। रघुवर सरकार ने जो भी विकास के कीर्तिमान रचे, उसका ज़्यादातर हिस्सा कागज़ों में ही दिखाई पड़ता है, धरातल पर नहीं दिखता। यह कहना वहां के मतदाताओं का है, जिनके बल पर ही कोई भी सरकार सत्ता में आती है।

यहां सरकार से मेरा मतलब सरकार ही है, ना कि भाजपा। सरकार किसी भी राजनीतिक पार्टी की हो, चुनाव के वक्त उसके किए गए वादों को याद रखकर  ही अपने बहुमूल्य वोटों का इस्तेमाल करते हुए एक ज़िम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाना चाहिए।

अगर हमारी मूलभूत मांगों या ज़रूरतों पर सरकारों का ध्यान नहीं रहता, तो इसमें हमारी ही गलती है क्योंकि हम अपने अधिकारों को नहीं जानते हैं।

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