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भारतीय खेल जगत के लिए कैसा रहा साल 2019

रोहित शर्मा, पीवी सिंधु और अमित पंगहल

रोहित शर्मा, पीवी सिंधु और अमित पंगहल

2019 की समाप्ति के साथ-साथ 21वीं सदी का दूसरा दशक भी पूरा होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि साल भर में भारतीय खेल जगत में क्या-क्या हुआ। समीक्षा करने का वक्त आ गया है कि किस खेल में खिलाड़ियों द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया गया?

क्रिकेट में कैसा रहा साल 2019?

रोहित शर्मा। फोटो साभार- सोशल मीडिया

भारत के पसंदीदा और सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट की बात करें तो बीता हुआ साल भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा रहा। रोहित शर्मा टेस्ट में पहली बार ओपनिंग बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते हुए दोनों पारियों में शतक जड़ने में  सफल रहे।

विराट कोहली के नेतृत्व में जनवरी में ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर पर हरा दिया जो एक इतिहास बन गया। साल भर में वेस्टइंडीज़, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ पूरी टूर्नामेंट जीतते हुए भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया।

22 नवंबर को भारत ने पिंक बॉल के साथ डे-नाइट टेस्ट में इतिहास रच दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में खेले गए वनडे टूर्नामेंट और वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, रोहित शर्मा का प्रदर्शन वर्ल्ड कप में काफी अच्छा रहा। रोहित शर्मा 5 शतकीय पारियों के साथ वर्ल्ड कप में सफल बल्लेबाज़ रहे।

इस साल को भारतीय गेंदबाज़ों की हैट्रिक के लिए भी याद किया जाएगा। मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर और कुलदीप यादव हैट्रिक लेने में कामयाब रहे। इन सबके बीच युवराज सिंह का क्रिकेट को अलविदा कहना क्रिकेट फैंस के लिए कभी ना भूलने वाला पल होगा। वहीं, हार्दिक पंड्या, के.एल राहुल और पृथ्वी शॉ पर लगाई गई पाबंदी को भी याद किया जाएगा।

टेनिस और बैडमिंटन

पीवी सिंधु। फोटो साभार- सोशल मीडिया

टेनिस और बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु ने अगस्त महीने में हुई वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इससे पहले दो बार पीवी सिंधु उप विजेता रही हैं।

दूसरी और टेनिस में डेविस कप में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया, जिसमें बड़ा योगदान लिएंडर पेस का है। अमेरिकन ओपन टेनिस टूर्नामेंट में भारत के सुमित नागल ने जिस तरह से स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर दी, वह भी काबिल-ए-तारीफ है।

कुश्ती और बॉक्सिंग

बजरंग पुनिया। फोटो साभार- सोशल मीडिया

कुश्ती और बॉक्सिंग में भी भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के राहुल आवरे, हरियाणा के बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ियों ने अपना ओलंपिक का टिकट पक्का कर लिया है। दीपक पूनिया नें वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के लिए एकमात्र सिल्वर मेडल जीता।

बॉक्सिंग में 6 बार स्वर्ण पदक विजेता रही मैरी कॉम इस बार गोल्ड मेडल से चूक गईं। वह निखत जरीन के साथ विवादों के चलते मेरी ज़्यादा चर्चा में रहीं। अमित पंगहल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया।

निशानेबाज़ी, फुटबॉल और हॉकी में क्या-क्या हुआ?

भारत के कुल मिलाकर 28 खिलाड़ियों ने ओलंपिक का टिकट पक्का कर लिया है। उनमें 15 निशानेबाज़ शामिल हैं। मनु भाकर और सौरभ चौधरी जैसे युवा खिलाड़ियों ने हर टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सुर्खियां बटोरी।

सुनील छेत्री। फोटो साभार- सोशल मीडिया

2022 में कतर में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारतीय फुटबॉल टीम क्वालीफाई नहीं कर पाई। ओमान के खिलाफ हार भारत को महंगी पड़ गई। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल करने के मामले में सुनील छेत्री ने लियोनेल मेसी को पीछे छोड़ दिया।

हॉकी में पुरुष और महिला दोनों टीमों नें अच्छा खेल दिखाते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। 2019 के खेलों के सफर में हिमा दास और दुती चंद का ज़िक्र ना हो ऐसा भला हो सकता है क्या?

जिस तरह से इन दोनों ने खेलों में प्रदर्शन किया हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है। हिमा दास को चोटिल होने के कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप से बाहर होना पड़ा। अन्यथा वहां पर हिमा का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता था।

कुल मिलाकर कई बार भारतीय प्रशंसकों को खुशियां मनाने का मौका मिला। कई बार फैंस खिलाड़ियों के प्रदर्शन के चलते निराश भी हुए। अब हम यह आशा करते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा खिलाड़ी 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई होकर देश की झोली में सर्वाधिक मेडल्स डालने में सफल होंगे।

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