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पढ़िए 2019 में हमारे नेताओं द्वारा दिए गए सबसे उलजुलूल बयान

2019 को विदा करते हुए अगर मैं पलट कर देखूं, तो यह साल आंदोलनों और समस्याओं का साल रहा। महिला सुरक्षा के नाम पर हैदराबाद रेप केस ने आंखें खोली तो वहीं उसी केस के आरोपियों के एंकाउंटर ने कानून व्यवस्था को खुद कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया।

जहां स्टूडेंट्स फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सड़कों पर डंडे खा रहे थे, तो वहीं शिक्षकों को भी नहीं छोड़ा गया। 370 से लेकर CAB तक ने सबको हिला कर रख दिया। वहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने तो रुकने का नाम ही नहीं लिया।

रोज़गार, जूडीपी और शिक्षा का मुद्दा हमेशा की तरह कोसों दूर रहा। खैर, इन सबके बीच हमारे प्रतिनिधियों ने भी कसर नहीं छोड़ी। उनके कुछ बयानों ने हमें हमारे वोट के प्रति शक पैदा करवा दिये हैं।

आईए, एक बार फिर नज़र दौड़ाएं 2019 में दिए गए हमारे राजनेताओं के बेतुके बयानों पर।

1. ‘मैं प्याज नहीं खाती’

प्याज़ ने हम सबको किस तरह रुलाया है, इसपर मुझे ज़्यादा बोलने की ज़रूरत महसूस नहीं होती लेकिन उसपर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बयान कि ‘मैं प्याज नहीं खाती’ बड़ा अजीब था। इतना ही नहीं इस बयान के पलटवार ने तो कटाक्ष की हदें ही पार कर दी।

निर्मला सीतारमण

दरअसल, वित्त मंत्री लोकसभा में सरकार के मिस्र से प्याज आयात करने के फैसले के बारे में बता रही थीं। तभी एक सांसद ने सीतारमण से पूछा, ‘क्या आप मिस्र के प्याज़ खाती हैं?’ इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया,

मैं ज़्यादा प्याज़ और लहसुन नहीं खाती, इसलिए चिंता ना कीजिए। मैं एक ऐसे परिवार से आती हूं, जहां प्याज़ का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता।

हालांकि वित्त मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके बयान के गलत मायने निकाले गए हैं।

2. “नौकरी गंवाना बहुत अच्छा संकेत”

पूरे देश में युवाओं की बेरोज़गारी एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे वक्त में पीयूष गोयल का कहना है कि यह एक “बहुत अच्छा संकेत” है। भारत के रेलवे मंत्री पीयूष गोयल की मानें तो नौकरी की कमी का मतलब है कि ज़्यादा से ज़्यादा युवा कारोबारी बनना चाहते हैं।

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, फोटो साभार- ट्विटर

दरअसल, अगर उनकी माने तो उनका मतलब था कि आज का युवा नौकरी तलाश करने की होड़ में नहीं है। वह नौकरी देने वाला बनना चाहता है। उन्होंने कहा था,

आज देश का युवा उद्यमी बनना चाहता है, जो एक अच्छा संकेत है।

भले ही सफाई में उन्होंने कुछ भी कहा हो लेकिन आंकड़ें कुछ और ही कहते हैं।

3. ‘संस्कृत साइंटिफिक लैंग्वेज है’

बीजेपी नेता और केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इस साल आईआईटी बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में शिरकत हुए जहां उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा,

नासा भी मानता है कि संस्कृत प्रोग्रामिंग के लिए सबसे अधिक साइंटिफिक लैंग्वेज है।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

उनकी बातों पर प्रक्रिया देते हुए छात्रों ने कहा कि एक साल पहले इंटरनेट पर नासा के मिशन संस्कृत से जुड़ा एक मिथक वायरल हो रहा था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का संबोधन में इंटरनेट पर वायरल तथ्य शामिल थे जिनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं था।

पोखरियाल ने कार्यक्रम के दौरान कहा,

जब संसार में कुछ नहीं था, तब हमारे पास तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला था ज्ञान और विज्ञान के आधार हुआ करते थे।

4. ‘गाय ऑक्सीजन लेने के साथ ही ऑक्सीजन छोड़ती भी है’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक वीडियो इस साल खूब वायरल हुआ, जिसमें उन्हें यह कहते हुए देखा जा रहा कि पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है। ऐसे ही पशुओं में गाय एकमात्र ऐसा पशु है तो ऑक्सीजन छोड़ता है। यह भी कहा जाता है कि यदि किसी को सांस की तकलीफ है तो गाय की मालिश करने से यह तकलीफ दूर हो जाती है।

इसमें कहा गया कि टीबी जैसी बीमारी भी गाय के संपर्क में आने से दूर हो जाती है। गाय के गोबर व गौमूत्र में काफी ताकत है। शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे स्किन, हार्ट व किडनी आदि के लिए ये काफी फायदेमंद हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालयों की मानें तो यह वीडियो तकरीबन पांच माह पुराना है और इसे जानबूझ कर वायरल किया जा रहा है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह प्रदेश में अभी तक चल रही मान्यताओं के आधार पर ही कहा गया है। इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए।

5. ‘गोसेवा से क़ैदियों की आपराधिक मानसिकता कम होती है’

गाय पर हमेशा राजनीति होती रही और वहीं इसे लेकर बयानबाज़ी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी गो-विज्ञान संशोधन संस्थान द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में गाय की अहमियत पर बात रखते हुए एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा करने से क़ैदियों के भीतर सुधार होता है

भागवत ने कहा,

जेल में गायों के लिए आश्रय स्थल बनाए गए और कैदियों ने उनका पालन-पोषण शुरू किया। इसके बाद अधिकारियों ने पाया कि कैदियों में आपराधिक मानसिकता कम होने लगी।

मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी यह दावा किया था कि गोमूत्र से कैंसर का इलाज मुमकिन है। उन्होंने ये भी दावा किया था कि इसी पद्धति से उनका कैंसर ठीक हुआ है।

6. ‘100% क्राइम रोकने की गारंटी भगवान राम भी नहीं दे सकते’

हैदराबाद रेप केस के बाद जहां महिला सुरक्षा का मुद्दा ज़ोरों पर था वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने कहा था कि 100 फ़ीसदी अपराध ना होने की गारंटी तो भगवान राम भी नहीं ले सकते।

दरअसल, उनका यह बयान उन्नाव गैंग रेप मामले में 90% जली उस लड़की के लिए आया था जिसने रेप के बाद एक लंबी जंग लड़ी थी। इसी मामले पर जब रणवेन्द्र सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया,

जब समाज है तो समाज में ये कह देना कि 100 परसेंट क्राइम नहीं होगा। यह श्योरिटी तो मुझे नहीं लगता कि भगवान राम भी दे पाएंगे।

महिला सुरक्षा के मामले में न्याय तो दूर हमारे नेता संवेदनशील बोल भी नहीं बोल पाते हैं।

7. ‘5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा रहे हैं’

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बिहार के लोगों पर कमेंट करते हुए कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा रहे हैं।

उनके इस बयान पर बीजेपी और जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि अगर दिल्ली में एनआरसी लागू हुआ तो सबसे पहले दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी को शहर छोड़ना पड़ेगा।

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