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झारखंड में विकास के नाम पर बनाए गए आधे-अधूरे शौचालय

शौचालय

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“हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लगता है कि यूपी में जंगलराज है।” यह किसी और का नहीं, बल्कि खुद सुप्रीम कोर्ट का कहना है। एक मामले की सुनवाई करते हुए पिछले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ही बिजनौर ज़िले में मंगलवार को हमलावरों ने अदालत में घुसकर पेशी पर लाए गए एक आरोपी की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद बुधवार को 18 पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं। मंगलवार को हुए इस वारदात में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इस दौरान दूसरा अभियुक्त भीड़ का फायदा उठाकर भाग गया।

रिपोर्ट के अनुसार मौके से तीनों हमलावरों साहिल, अकराज और सुमित चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास से 30 बोर की तीन पिस्तौलें बरामद की गई हैं। साहिल गत 28 मई को दोहरे हत्याकांड मे मारे गए प्रॉपर्टी डीलर हाजी एहसान का बेटा है।

बीजेपी शासित राज्यों की हालत बेहद दयनीय

उधर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की संस्कृत फैकल्टी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस विभाग में फिरोज़ खान को असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद बीएचयू स्टूडेंट्स का एक गुट धरने पर बैठ गया था। 9 दिसंबर को इसी संकाय के एक दलित प्रोफेसर डॉ. शांति लाल साल्वी पर कुछ अज्ञात स्टूडेंट्स ने यह कहते हुए जानलेवा हमला किया कि डॉ. साल्वी फिरोज़ खान का समर्थन कर रहे थे।

इन सबके बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विधायक अपनी ही पार्टी के स्पीकर के खिलाफ विधानसभा में धरने पर बैठ गए। जैसे ही भाजपा के विधायक धरने पर बैठे तभी उनके साथ विपक्ष के भी तमाम विधायक सदन में धरने पर बैठ गए और विधायक एकता ज़िंदाबाद का नारा लगाने लगे।

दरअसल, गाज़ियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर सदन में अपनी बात रख रहे थे लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। नंद किशोर का आरोप है कि उन्हें गाज़ियाबाद पुलिस ने प्रताड़ित किया है। इसी बात को लेकर वह विधानसभा में अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन सदन के अंदर उन्हें बोलने नहीं दिया गया।

आधे-अधूरे शौचालयों से बढ़ रही हैं लोगों की मुश्किलें

झारखंड में सरकार द्वारा बनाए गए अधूरे शौचालय। फोटो साभार- सुमित मित्तल

जब 2017 से डबल इंजन वाले उत्तर प्रदेश को सुप्रीम कोर्ट ने जंगल राज जैसा बताया है। ऐसे में प्रधानमंत्री जी के डबल इंजन वाले नारे पर झारखंड में लोग कैसे भरोसा करेंगे? इसके अलावा झारखंड में भी बीजेपी 5 साल डबल इंजन चला चुकी है लेकिन विकास के नाम पर आधे अधूरे शौचालय बनाए गए हैं, जिन्हें कोई इस्तेमाल कर पाने की स्थिति में नहीं है।

इसके अलावा खूंटी के उलिहातू गाँव जो कि स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जन्मभूमि है, यहां पर शहीद ग्राम विकास योजना के अंतर्गत 136 पक्के मकान सरकार द्वारा बनाए जाने थे। इस योजना का शुभारंभ सिंतबर 2017 में खुद गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। दो साल बीतने के बाद भी यहां आधे घर भी नही बने हैं और जो घर बनाए जा रहे है, वे आकार में बेहद छोटे हैं। जमशेदपुर की भी यही हालत है।

जमशेदपुर में क्रेन ऑपरेटर राजीव रंजन दुबे का कहना है,

बीजेपी केवल हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बात करती है लेकिन वह लोगों को रोज़गार और रोटी देने में असफल साबित हो रही है।

चौका गाँव के नारायण सिंह कहते हैं, “हमारे बच्चे दूसरे राज्यों में काम करने जा रहे हैं। रोज़गार की समस्या बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री रघुबर दास ने हमारी समस्याओं के निदान के लिए कोई कदम नही उठाए हैं।”

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