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“CAA पर प्रधानमंत्री मोदी करें युवाओं से बात”- कैलाश सत्यार्थी

जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा स्टूडेंट्स एवं लड़कियों को बाथरूम और पुस्तकालय में घुसकर पीटने की घटना को कैलाश सत्यार्थी ने पूरी तरह से गलत बताया और उस घटना की निंदा की।

YKA Summit में अपनी बात रखते कैलाश सत्यार्थी

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने Youth Ki Awaaz Summit में युवाओं को संबोधित करते हुए इस दिशा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा,

किसी को हक नहीं है कि हमारी बेटियों को कोई बाथरूम में घुसकर मारे।

उन्होंने आगे कहा,

अगर हम अपनी विविधता का सम्मान नहीं करते हैं, तो अपनी डेमोक्रेसी को बर्बाद कर रहे हैं। मैं रोज़ाना टीवी में देख रहा हूं कि छात्र- छात्राएं कह रहे हैं कि हमारी बात सुनो लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री की बहुत सी योजनाओं का समर्थन करता हूं लेकिन मेरी उनसे अपील है कि वे CAA और NRC पर युवाओं के साथ संवाद करें, सहमती और असहमति अलग बात है। किसी भी सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है।

उन्होंने इस हिंसा के बारे में बात करते हुए कहा कि यह मकड़ी की जाल की तरह फैलती है। हमें शांति के लिए वातावरण बनाना होगा, जहां भय के लिए कोई जगह ना हो। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें सबको अपनी बात रखने का मौका मिले। बिना किसी डर के, बिना किसी भय के।

असम से लेकर जामिया तक हमें शांति का माहौल बनाना है, क्योंकि वे सब हमारी बेटियां, बहनें और भाई हैं। हम सबको संवेदना और विश्वास के साथ जोड़ें और भारत को हिंसा, क्रोध और घृणा से मुक्त कराएं। युवाओं की ताकत ही नए भारत की ताकत है।

Summit में कैलाश सत्यार्थी ने युवाओं से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि यूथ की आवाज़ परिवर्तन की आवाज़ है, संघर्ष की आवाज़ है, सृजन की आवाज़ है, निर्माण की आवाज़ है। लोग सहमत हो या ना हो लेकिन यह सच्चाई है।

YKA Summit में अपनी बात रखते कैलाश सत्यार्थी

उन्होंने कहा कि यहां मौजूद युवाओं की आंखों की चमक देखकर मुझे लग रहा है कि मेरा देश सुरक्षित हाथों में है। युवाओं का साहस प्रेरणा का कारण बनता है। मैंने 25 सालों से 144 से ज़्यादा देशों के 1000 से ज़्यादा युवा संगठनों के साथ काम किया है और मुझे पता है कि वे दुनिया की उन समस्याओं को गहराई से समझकर आवाज़ उठाने का काम कर रहे हैं।

ग्लोबल वॉर्मिंग पर भी रखी बात

ग्लोबल वॉर्मिंग पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा,

हम सब जानते हैं कि कुछ साल पहले पूरी दुनिया के नेताओं ने ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने का निर्णय लिया था लेकिन सारे नेता उससे पीछे हट गएं। जो दुनिया की समस्या को समस्या नहीं समझते हैं, उनमें अमेरिका के राष्ट्रपति पहले थे, उनसे कहा कि गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, तो वह कहते हैं कि यूनाइटेड नेशन के सामने हमारा टावर देखो, ट्रम्प टावर।

उन्हें दिवार बनाने में ज़्यादा दिलचस्पी है लेकिन युवा दिवार बनाने में नहीं बल्कि दिवार तोड़ने में यकीन रखते हैं। झूठी मानसिकता की दीवारें, झूठी परंपरा की दीवारें, अन्याय की दीवारें, विषमता की दीवारें, महिलाओं, बेटियों और बेटों के ऊपर अत्याचार की दीवारें, उन दीवारों को तोड़ने का काम युवा कर रहे हैं।

YKA Summit में अपनी बात रखते कैलाश सत्यार्थी

क्लाइमेट एक्शन में युवाओं की भूमिका

उन्होंने क्लाइमेट एक्शन की दिशा में युवाओं की भूमिका पर बात करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि फ्राइडे फॉर फ्यूचर की शुरुआत किसने की। तीन हफ्ते पहले ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड “चिल्ड्रेन्स पीस प्राइज़” मेरे हाथों दिया गया। हाल ही में हॉन्कॉन्ग में डेमोक्रेटिक आंदोलन की शुरुआत एक युवा ने ही की, जिसमें सारे युवा शामिल हुए हैं।

दुनियाभर में अन्य आंदोलनों की भी आवाज़ बन रहे हैं युवा

दो साल पहले अफ्रीका में भी स्टूडेंट्स द्वारा शिक्षा में फीस बढ़ोतरी को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन हुए, जिसकी आवाज़ इतनी तीव्र थी कि पड़ोसी देशों जैसे केन्या, नाइज़ीरिया की सरकारों को भी शिक्षा की फीस कम करनी पड़ी। चिली में जो आंदोलन हो रहे हैं, उसमें वहां के नागरिक तो हैं ही लेकिन आंदोलन का नेतृत्व युवा कर रहे हैं।

कैलाश सत्यार्थी ने Summit में अपनी कहानी बताते हुए बताया कि कैसे वह समाज को बदलने के लिए प्रेरित हुए।

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