मेरी सेबेस्टियन एक एडवोकेट हैं, जो इस समय इंटरनैशनल जस्टिस मिशन में अपनी भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने Youth Ki Awaaz Summit 2019 के मंच पर महिलाओं के मूल अधिकारों के संदर्भ में बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज कल का युवा खासकर पुरुष वर्ग काफी बिगड़ चुका है। पब्लिक ट्रैफिकिंग और क्राइम का दर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
महिलाओं के खिलाफ शोषण पर बात करते हुए मेरी सेबेस्टियन ने कहा कि इससे मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कई कहानियां सुनाईं। उन्होंने बांग्लादेश की लारा का ज़िक्र किया जिनके पिता की मौत के बाद उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मेरी सेबेस्टियन ने बताया कि लारा जब 12 वर्ष की थी तभी उनके पिता की मौत हो गई जिस कारण उनका पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। आलम यह हुआ कि आज की तारीख में लारा को सेक्स ब्लैकमेल का सामना करना पड़ता है।
मेरी ने लगातार इस बात पर ज़ोर दिया कि किस तरीके से महिलाओं पर समाज में दबाव डाला जाता है, जो गैर-कानूनी तो है ही मगर लोग भी इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पा रहे हैं।
उन्होंने अंत में इस बात का भी ज़िक्र किया कि माइंडसेट को बदलना काफी ज़्यादा ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज मैं इन चीज़ों पर बात कर रही हूं तो यह सिर्फ आज ही लोगों के ज़हन में रहेगा, कल तक सब भूल जाएंगे। महिलाओं को अधिकार दिलवाने में सबसे बड़ा हाथ हमारे समाज का होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति इस समय काफी ज़्यादा गंभीर है। लोग दिन-प्रतिदिन उदास होते जा रहे हैं और अपने आपको ऐसा महसूस करने लग गए हैं कि वे काली परछाई के समान हैं।
मेरी सेबेस्टियन के सेशन के दौरान दिल्ली के अंबेडकर इंटरनैशनल सेंटर में मौजूद युवाओं में काफी जोश दिखाई पड़ा। Summit के मंच के ज़रिये उन्होंने बेहद अहम सवाल उठाए जिस पर समाज को विचार ज़रूरी है।