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काश! तू बोल पाती

ये चाँद  सी प्राणी हमारी गाय है । जी हाँ गाय । वाकई में हमारा और इसका रिश्ता तकरीबन तेरह सालों का हो चुका है । इसे  गाड़ी में लाये थे पीछे वाली सीट पर और आज अल्हम्दुलिल्लाह! दस साल से दूध भी दे रही है । ये सर्दियों की तस्वीर है जिसमें हम  कपड़े डाले रखते हैं पूरे दिन इस पर क्योंकि बेजुबान है अब बोलकर थोड़ी ना कहेगी कि मुझे सर्दी लग रही है । हमारे भारत देश मे गाय का बड़ा महत्त्व है। भारत एक सेक्युलर देश माना जाता है  शुरू से ही ,वर्तमान की बात अलग है ।हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवताओं का वास माना जाता है। बाकी आपको पता ही है बचपन मे खूब निबंध लिखे है हमने कि गाय हमारी माता है ,इसके एक पूंछ होती है ,चार टाँग होती है वगैरह-वगैरह ।दीपावली पर गायों की खास पूजा होती है ।सनातन धर्म के अनुसार यह भी माना जाता है कि इसकी हत्या करने वाला नरक में जाता है ।ग्रामीण क्षेत्र में तकरीबन घरों  में गाय बंधी हुई मिल जाती है । गाय वाकई में शांत स्वभाव का पालतू जानवर है । जिनके घर गाय बंधी हुई है वो अपने घर के सदस्य की तरह देख भाल करते है और करनी भी चाहिए क्योंकि बेजुबां मखलूक से प्यार करने का अज्र खुदा देता है ।वास्तव में गाय देवी समान है क्योंकि आज तेरह साल में इसने मुझे मेरा नाम तक नही पूछा ।मैंने बहुत बार बताया कि मेरा  नाम खान है ,मेरे पापा भी खान है ,और हमारे परिवार में भी बहुत सारे मोहम्मद ,अहमद हैं पर कभी भी इसने गौर ही नही किया इस बात पर ।मैं छोटा था तो मैं इसके चारों टांगो के बीच से निकल जाता था लेकिन फिर भी मुझे कुछ भी नही कहा हमारी गाय ने । वाकई में देवी है गाय…क्योंकि गाय ने कभी हिन्दू-मुसलमान नही किया । कभी जर्रा बराबर भी घमंड नही किया कि मुझमे देवताओं का वास है ,मैं ही कामधेनु हूं ।काश गाय के जुबान होती तो आज कुछ अलग ही बात होती।आज लोगों ने गाय की इस कदर राजनीति के नाम पर छवि खराब की है  कि सोशल मीडिया पर लाखों चुटकुले इसके सम्बन्ध में देखने को मिल जाते हैं। कभी गाय के गोबर के नाम पर कुछ नेता और प्रवक्ता अपना मजाक बना लेते हैं तो कुछ बड़ी नेत्री इसके मूत्र के नाम पर राजनीति कर जाती है । लोग केवल व्यस्त  है शेयर और लाइक करने में लेकिन सच्च कहूँ तो गाय बोल पाती तो आज बहुत अच्छा होता ।

है गऊ! आप स्वयं देख लीजिये यहां कुछ  असामाजिक लोगों को जिन्होंने इस बात पर तो ध्यान दे लिया कि गाय की हत्या करने वाला नरक में जायेगा लेकिन गाय के नाम पर इंसानों की हत्या करने वालों का ईश्वर के घर क्या सजा होगी? ये नहीं पता। काश गाय बोल पाती कि – ” मैं देवी हूँ और मेरा ह्रदय  वास्तव में एक माँ जैसा है …मैं शर्मा ,वर्मा,खान ,कुमार,सिंह ,चौधरी आदि के घर खुश हूं। मेरी नजर में सब एक है क्योंकि मैं सबको दूध देती हूं चाहे वो मुसलमान हो या गैर मुसलमान।” 

काश गाय ये कह देती कि ” मेरी इतनी ही फिक्र है तो मुझे शहरों में प्लास्टिक खाने को क्यों मजबूर कर दिया है ? क्यों मुझे दूध देने तक रखते हो फिर गांवों में  फसल के वक़्त  लट्ठ खाने के लिए आवारा छोड़ देते हो ?क्यों मेरी कदर दूध देने पर ही है ? क्या तुम इंसानों में इतनी शर्म नही कि तुम लोगों ने मुझे व्यवसाय बना लिया है ? तुम लोगों ने मुझे तरह-तरह के ज़हर खुलायें है ताके मैं दूध ज्यादा देउँ ? तुम लोगों ने मेरे नाम पर वोट मांगे ?तुम लोगों ने मेरे नाम पर राजनीति की ?तुम लोगों ने अखबारों में बड़ी-बड़ी हेडलाइन छपवादी कि ‘ गाय के नाम पर की हत्या’ ? तुम लोग इतने बेदर्द कैसे हो गए जो मेरे नाम पर खुद का फायदा करने लगे ?तुम लोगों ने ठीक से गौशाला का बंदोबस्त किया नहीं और मेरे नाम पर सिंहासन पाने की इतनी ललक?तुम लोगों ने कभी मुझे राष्ट्रीय पशु बनाने के नाम पर राजनीति की तो कभी कुछ और । ए इंसानों मुझे रहने दो सुकून से… सब मेरे लिए एक हैं.. मैं उसके घर सुरक्षित हूँ जो मेरा दूध पीते हैं और मुझे पालते हैं ना कि उनके घर जो शिर्फ़ बाते बनाते है।”

वाकई में गाय देवी है क्योंकि इस्लाम धर्म मे भी ये मान्यता है कि गाय और बकरी के दूध में सिफ़ा है।अथर्ववेद के अनुसार – “धेनु सदानाम रईनाम” अर्थात गाय सम्रद्धि का मूल स्रोत है। आज लाखों परिवार गाय से अपनी आजीविका चला रहे है । गाय का दूध निरोगी होता है ।वैज्ञानिकों के अनुसार गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है जो श्वसन प्रक्रिया में  ऑक्सीजन लेकर ऑक्सीजन ही छोड़ती है ।गाय के गोबर को सुखाकर हम ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल है। खैर जो भी ..जैसी भी है गाय अच्छी है और बहुत ही बेहतर है । बस गाय की अहमियत समझी जाए और गाय के नाम पर हिंसा रोकी जाए ।बस दुख यही है कि काश गाय बोल पाती तो आज स्तिथि कुछ और ही होती ।भ्रातृत्व कायम रहे ! जय भारत !!

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