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चूड़ा-दही, तिलकूट, गुड़, हरा चना

जनवरी 14 और 15 तारिख आते ही नॉर्थ से लेकर साउथ और इस्ट से लेकर वेस्ट तक एक साथ भारत भर में सेलीब्रेशन होता है | उत्तर भारत समेत महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक जैसे राज्यों में मकर संक्रांति मनाया जाता है | यही त्योहार पंजाब में लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, बंगाल में पोष संक्रांति, असम में बोहाग बिहू और जम्मू कश्मीर में शिशुर सेंक्रात के रूप में मनाया जाता रहा है |

कृषि प्रधान देश भारत में अधिकांश त्योहार के फसलों के कटाई, बुआई के सफलता के खुशी ज़ाहिर करने में मनाया जाता रहा है | ऐसे में मकर संक्रांति,पोंगल,लोहड़ी जैसे त्योहार पूष की ठंड में जोश भरने के साथ खेती-गृहस्थी को लेकर समर्पण को दर्शाती है |

चूड़ा-दही, तिलकूट, गुड़, हरा चना के साथ मकर संक्रांति में भोजन की थाली तैयार होती है | मकर संक्रांति को मनाने से संबंधित हरेक तरीका अपने में लाजवाब है लेकिन समय के साथ हरेक त्योहार के तरह इसमें भी कई अजीबोगरीब बात देखने को मिलती है | ठंड के दिनों में जहाँ लोग नहाने से भागते है वहीं मैं प्राय: अपने गांवों में चाची – दादी के द्वारा सुनते रही हूँ कि, मकर संक्रांति पर नही नहाने पर करीया कनिया या करिया दूल्हा ( सांवली या काली पत्नी/पति) मिलती है और नहाकर दही-चूड़ा के साथ तिल खाने वाले को गोड़ी-सुंदर पत्नी मिलती है | उत्सवधर्मिता तो ठीक है लेकिन त्योहार के नाम पर अठरंगी देश वाले भारतीय समाज में किसी भी वजह से रंगभेद की बात करना, उत्सव की आड़ में सांवले और काले रंग में जन्मे लोगों को तकलीफ देने जैसा होता है | मुझे बचपन में ना ही मकर संक्रांति के दिन ठंडे पानी से नहाना पसंद था और ना ही काला तिल खाना पसंद था और समान्यत: बच्चों को आज भी पसंद नहीं ही होता है और सुंदर वर/वधू के लालच देकर नहाने से लेकर तिल खाने को प्रेरित करने के लिए ये बात कही जाती होगी लेकिन आज रंगभेद की इस तरह की बात सुनकर दुख होता है और किसी भी वजह से अपने घर के बच्चों को हम त्योहार के नियम को मानने के लिए गलतफ़हमी वाली बात नहीं सिखाना चाहेंगे | गोड़ा रंग लिए पैदा होने वाले लोग सुंदर होते हैं ऐसी मानसिकता वाली बात कहना ही रंगभेद का बीज बोती है जो आगे चलकर समाज में कई लोगों के लिए तकलीफ़देह रहती है | त्योहार को त्योहार ही रहने दे, उसकी गर्मजोशी में अपनी दकियानूसी नियमों और बातों को नहीं लादे तो समाज के साथ देश के लिए भी अच्छा रहेगा |

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