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भारत के युवाओं के लिए इस दशक की 5 बड़ी चुनौतियां

युवाओं की रैली

युवाओं की रैली

आज के दिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, उन्होंने कहा था,

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त ना हो जाए

यह मंत्र स्वामी विवेकानंद ने भारतीय युवाओं को दिया था। आज का दिन सिर्फ स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के रूप में तो महत्वपूर्ण है ही लेकिन मेरी नज़र में यह दिन युवाओं के सामने आज की खड़ी हुई चुनौतियों पर भी बात करने का भी दिन है।

बेरोज़गार युवा

पहली चुनौती बेरोज़गारी

आज का युवा अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। शिक्षा, रोज़गार और बेहतर भविष्य के लिए आज का युवा जागरूक है और लड़ रहा है और सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि इस देश के लिए भी उतना ही सजग है।

तमाम चुनौतियों में सबसे बड़ी चुनौती है रोज़गार की। NCRB के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 2 घंटे में 3 बेरोज़गार खुदकुशी कर रहे हैं। यह आकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। इनसे पहले वाले सालों की बात करें तो कुछ आंकड़ें ये हैं-

आपको बता दूं कि भारत मे 20 वर्ष की उम्र से ऊपर के करीब 14.30 करोड़ युवाओं को नौकरी की तलाश है जो अभी भी पढ़ लिख कर बेरोज़गार बैठे हैं।

एक युवा महंगी फीस, कोचिंग और फॉर्म पर फॉर्म भरता है। माँ-बाप भी अपनी ज़मीन तक गिरवी रखकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं लेकिन अंत में उन्हें मिलती है बेरोज़गारी। ऐसे में युवा अवसाद की तरफ जाता है, जो फिर से एक बहुत बड़ी चुनौती है।

बेरोज़गार युवा

दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है नशा

विश्व में भारत सबसे युवा आबादी वाला देश है । इसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है और वहीं भारत ही दुनिया में नशाखोरी के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां प्रतिवर्ष धूम्रपान की वजह से 10 लाख लोगों की मौत होती हैं। बता दूं कि यह 10 करोड़ 80 लाख युवा धूम्रपान की गिरफ्त में हैं और 3.6 % लोग एल्कोहॉल की।

जहां एक और नशा दीमक की तरह युवाओं की जवानी को चाट जाता है ,वहीं दूसरी और यह समाजिक सुरक्षा और विकास के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है।

नशे का कारोबार से सरकार बहुत मुनाफा कमाती है लेकिन इसके साथ-साथ ये हमारे युवाओं की ज़िंदगी के साख खिलवाड़ करता है।

ड्रग्स लेते लोग

तीसरी बड़ी चुनौती गरीबी है

एक रिपोर्ट के मुताबित आज दुनियाभर में 80 करोड़ लोग गरीबी की हालत में जी रहे हैं। हर पांच में से एक व्यक्ति प्रतिदिन 1.25 अमेरिकी डॉलर से भी कम में गुज़ारा कर रहा है। ऐसे में गरीबी हमारे दौर का एक सबसे तात्कालिक संकट बन गई है

यही नहीं हर दिन 18,000 बच्चे गरीबी से जुड़े कारणों से मरते हैं। इसलिए आज के युवाओं के लिए गरीबी भी एक बड़ी चुनौती हैं ।

चौथी बड़ी चुनौती है भ्रष्टाचार

आज की युवाओं के सामने बड़ी समस्या है, क्योकि भ्रष्टाचार की वजह से बहुत नुकसान होते हैं बता दे कि, भारत की प्रमुख कारोबारी संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन फिक्की का कहना है कि भारत में प्रतिवर्ष भ्रष्टाचार के कारण लगभग सात अरब डॉलर का नुकसान होता हैं। यही नहीं भ्रष्टाचार का सीधा असर निवेश पर पड़ता है जिससे युवा प्रभावित होते हैं।

पांचवी चुनौती मशीनीकरण

विकास के होड़ में आगे बढ़ने की जद्दोजहद के बीच मानव जाति ने जो आविष्कारों की झड़ी लगाई उसका एक पहलू रोबॉट हैं। जो कि युवाओं के लिए बड़ी चुनौती हो गयी हैं क्योंकि हम बात-बात पर मशीन पर निर्भरशील हो रहे हैं। मशीन के कल कारखानों में अत्यधिक प्रयोग होने से बेरोज़गारी की समस्या उत्पन्न हो रही है।

हालिया रिपोर्ट में एसोचैम और पीडब्ल्यूसी ने भी कम कार्यकुशल पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक मशीनीकरण की वजह से अमेरिका में 38 फीसद, जर्मनी में 35, इंग्लैंड में 30 और जापान में करीब 21 फीसद नौकरियां कम हो जाएंगी। भारत में भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे।

हर युवा खास होना चाहता है और आप भी। पर, भारत के युवाओं के लिए चुनौती है कि उन्हें बड़ी कठिन लड़ाई लड़नी है, जिसकी शायद कोई इंसान कल्पना भी नहीं कर सकता।

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