गुदड़ी ब्लॉक झारखण्ड के ज़िला पश्चिम सिंहभूम का वह हिस्सा जो कभी किसी सरकार या सरकार के किसी विधायक की नेक नज़र नहीं हासिल कर सका। कमाल की बात यह है कि आदिवासियों के हक के लिए जन्म लेने वाले 20 वर्षीय झारखण्ड में गुदड़ी जैसे अनेकों बदनसीब ब्लॉक हैं, जिनके वासी विकास से वंचित हैं। गुदड़ी नाम का यह ब्लॉक विकास तो हासिल नहीं कर सका लेकिन अपने ही निवासियों की बर्बरता पर अनचाही सुर्खियां बटोर ले गया।
बुरुगुलीकेरा गाँव के वे तीन दिन
19, 20 और 21 जनवरी वे तीन दिन थे जब इस निर्मम हत्या की नींव रखी जा रही थी।
19 जनवरी, दिन रविवार: गाँव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने बैठक की, फिर सात लोगों की पिटाई की।
20 जनवरी, दिन सोमवार: बैठक से भागे उप मुखिया के परिजनों व अन्य ने गुदड़ी पुलिस को सूचना दी।
21 जनवरी, दिन मंगलवार: एसपी ने रणनीति बनाई। सोनुआ के रास्ते घटनास्थल रवाना हुए।
रविवार के दिन ज़िला पश्चिम सिंहभूम के गुदड़ी थाना स्थित बुरुगुलीकेरा गाँव में बड़ी वारदात ने तब अंजाम लिया, जब जन अदालत में एक पक्ष ने 7 लोगों को हत्या कर दी। हत्या की बर्बरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि शरीर का सर अलग था और धड़ अलग। देखने वाले बताते हैं कि पता ही नहीं चल पा रहा था कि कौन सा सर किस धड़ का है।
पत्थलगड़ी का विरोध करने पर हुई थी पिटाई
गुलीकेरा पंचायत का बुरुगुलीकेरा गाँव, सोनुआ से 32 किलोमीटर दूर जंगली इलाका है। पुलिस के मुताबिक इस गाँव के पत्थलगड़ी समर्थकों ने रविवार को ग्रामीणों के साथ बैठक की। पहले तो बैठक में पत्थलगड़ी का विरोध करने पर उपमुखिया जेम्स बूढ़ और छह लोगों की पिटाई हुई। यह देख परिजन डर गए और वहां से भाग निकले। इसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक सातों को उठाकर जंगल की ओर ले गए।
जब वे सातों लोग नहीं लौटे, तो सोमवार को परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे। पुलिस ने छानबीन शुरू की। मंगलवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि इन सातों की हत्या कर दी गई है और शवों को जंगल में फेंक दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने शवों की तलाश शुरू की। सर्च अभियान के बाद ही पुलिस ने सातों ग्रामीणों के शव बरामद कर लिये थे।
मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सात ग्रामीणों की हत्या पर दुख जताया है। उन्होंने पश्चिम सिंहभूम के बुरुगुलीकेला गाँव की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गहरी चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं आहत हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून सबसे ऊपर है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य की पुलिस जांच कर रही है। दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई होगी और ऐसी घटना दोबारा ना हो इसका ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए SIT गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने की बात कही गई है।
डरे हुये हैं मृतक जेम्स बूढ़ के भाई रामनाथ बूढ़
रामनाथ बूढ़ की नम आखों में आंसुओं से ज़्यादा खौफ झलक रहा था। वह बार बार यही कह रहे थे कि जन-आदालत में मुझे भी बुलाया गया था। मैं जा रहा था कि अचानक गाँव की एक महिला ने टोका और कहा कि वहां तुम्हारे भाई को उन लोगों ने बांध दिया है। यह सुन कर मैं नहीं गया। ये कहते हुए वे रो पड़े।
जब हमने उनसे पूछा कि अगर आप जाते तो क्या आपके भाई बच जाते? इस पर वह आसमान की तरफ इशारा करके भर्राई आवाज़ में बोले वही जानता होगा।