शिक्षा के मंदिर पर वार चल रहा है
किताबों पर फेंके जा रहे हैं पत्थर
देश के भविष्य पर नरसंहार चल रहा है
यहां सब कुछ राजनीति से जोड़ा जा रहा है
इंसानियत को इस तरह क्यों निचोड़ा जा रहा है?
ना जाने आखिर ये कैसा खेल चल रहा है
नकाबपोश कर रहे हैं हम पर खुलेआम हमला
आखिर ये कैसा लोकतंत्र चल रहा है?
हमारे सवालों पर खामोशी वाला जवाब मिल रहा है
हमारे कत्ल का क्या इंतज़ार चल रहा है
और देश में क्या चल रहा है?
जल रही है शिक्षा, जल रहे हैं हम
ना जाने किस खौफ के माहौल में पल रहे हैं हम?
नए भारत में विरोध का विध्वंशक खेल चल रहा है
हम पर ना जाने कैसा अत्याचार चल रहा है
सिंहासन के लालच में देश को तोड़ने की साज़िश चल रही है
राजनीतिक रोटियां सेंकने का इंतज़ाम चल रहा है
अखंड भारत के सपने को तोड़ने का प्रयास चल रहा है
लगता है नया भारत के निर्माण का काम चल रहा है।