शिक्षा से रहे ना कोई वंचित
संग सभी के व्यवहार उचित,
रहे ना किसी से कोई कर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष।
भले भरत को दिलवा दो सिंहासन
किंतु राम भी वन ना जाएं सीता संग,
सबको समान समझो सहर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष।
मिलें पुत्रियों को उनके अधिकार
पर ना हों पुत्रवधुओं पर अत्याचार,
ईर्ष्या रहित हो हर संघर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष।
मनुष्य महान होता कर्मों से
देश श्रेष्ठ होता हर धर्मों से,
हो सदैव भारत का उत्कर्ष
कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष।