Site icon Youth Ki Awaaz

“मैं बताता हूं कैसे JNU पर हमला संविधान को खत्म करने की साज़िश है”

रविवार शाम जिस तरीके की घटना JNU के साथ घटी, उससे मैं पूरी तरह स्तब्ध हूं। मुझे याद है, मैं अपने बड़े भाई (सूरज राव) से मिलने JNU बराबर जाता रहता हूं। JNU में प्रवेश करने से पहले ही आपका नाम, मिलने वाले का नाम, पता और अंदर जाने तथा बाहर निकलने का समय नोट करा लिया जाता है।

JNU हॉस्टल में हुई तोड़-फोड़, फोटो साभार- सोशल मीडिया

JNU पर हमला देश पर हमला है

इन तमाम चीज़ों के बावजूद यदि डंडे और हथियार के दम पर 100 लोग (जिनका सीधा संबंध ABVP से होने का आरोप है) एक साथ दाखिल हो जाते हैं और JNU प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंगती, बल्कि वह मूकदर्शक बने रहते हैं।

इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस के जवान उनका विरोध नहीं करती बल्कि उन्हें अंदर घुसने और छात्रों तथा प्रोफेसरों को पीटने में अपना सहयोग देती दिखाई पड़ती है।

नकाबपोश लोग जिन्होंने हिंसा की, फोटो साभार- सोशल मीडिया

इस घटना के कई मायने हैं, जिसे आपको समझने की आवश्यकता है।

इस देश के स्टूडेंट्स ही देश बचा सकते हैं

मेरा आप सभी से व्यक्तिगत निवेदन है कि यदि आप अपेक्षा कर रहे हैं कि बॉलीवुड (कुछ लोगों को छोड़कर) और देश के तमाम जगत के लोग आपके साथ आएंगे, तो आप गलतफहमी में हैं।

यदि इन्हें आना होता तो जामिया और एमयू, डीयू और हैदराबाद इत्यादि विश्विद्यालयों के छात्र जब पिटे जा रहे थे तभी आ जाते।

अब इस देश को कोई बचा सकता है, तो वह इस देश के स्टूडेंट्स ही केवल बचा सकता है। यदि आज आप JNU के साथ खड़े नही होते हैं, तो आपके साथ-साथ आने वाली नस्लों को भी ऐसे ही नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।

हमले में घायल JNUSU अध्यक्ष आयशी घोष, फोटो साभार- सोशल मीडिया

इसलिए आप सभी ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में अपने -अपने शहर में JNU और देश को बचाने के लिए रैलियां निकालिए, सड़क पर आइए और लड़ नही सकते हैं, तो आप हमारा साथ दीजिए। इस पोस्ट को शेयर कीजिए।
जय भारत ,जय संविधान।

Exit mobile version