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“मेरे द्वारा खरीदे गए 5000 के गिफ्ट कार्ड में अमेज़न ने मेरे साथ धोखा किया”

अमेज़न फ्रॉड और अश्लीलता का पर्याय बनता जा रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग के नांम पर जिस तरह से धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं, वह बहुत निराशाजनक है। इस ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में मुझे भी धोखा मिला है और यह धोखा मिला है अमेज़न कंपनी से।

गिफ्ट कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी

14 मार्च, 2019 में मेरी बहन की शादी हुई। 18 मार्च, 2019 को मैंने उसे उपहार स्वरूप 5000 रुपये का अमेज़न गिफ्ट कार्ड इमेल किया, जो कि एक वर्ष तक यानी कि मार्च, 2020 तक के लिए वैलिड बता रहा था।

बहन ने जून 2019 में जब उसे रीडीम करना चाहा, तो पता चला कि उसके अमेज़न अकाउंट को कंपनी द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना अथवा फॉल्ट के ब्लॉक कर दिया गया है। उसके अमेज़न अकाउंट में जो कॉन्टैक्ट नंबर रजिस्टर्ड था, वह भी ब्लॉक कर दिया गया था। यही नहीं, उसका गिफ्ट कार्ड रीडीम शो कर रहा था, जबकि मेरी बहन ने रीडीम किया ही नहीं था।

उसने जब यह बात मुझे बताई, तो मैंने कई बार कस्टमर केयर में कॉल करके इसकी शिकायत की। कंपनी प्रतिनिधि के अनुसार, मैं उस गिफ्ट कार्ड की खरीदारी को अब रद्द नहीं कर सकती और वह रीडीम उसी इमेल आइडी और फोन नंबर से होगा, जो उसमें रजिस्टर्ड है (जिसे अमेजन कंपनी द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है)।

हमने उनसे उन्हें अनब्लॉक करने का अनुरोध किया और साथ ही, इमेल और ट्विटर के ज़रिये भी इस बात को अमेज़न हेड जेफ बेंजोस तक पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन आज छह महीने होने को आये हैं, ना तो इमेल और कॉन्टैक्ट नंबर को अनब्लॉक किया और ना ही हमारे द्वारा किये गये इमेल या ट्विटर को कोई उपयुक्त जबाव हमें मिला।

 

ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट है कि अमेज़न ने ग्राहकों ने के लिए बड़ी ही चालाकी से तरह-तरह के प्लैटफॉर्म क्रीयेट किए हैं। अपने मामले में अब आगे हमारे पास कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के सिवा और कोई चारा नज़र नहीं आ रहा है, लेकिन देश में कानून की जो लचर व्यवस्था है, उसे देखते हुए न्याय मिलने की संभावना धूमिल होती जा रही है।

बलात्कार के ऊपर बने गेम्स को बेचा

सिर्फ फ्रॉड नहीं, अमेज़न ने अश्लीलता की भी सारी हदों को तोड़ दिया है। साल 2006 में जापान में एक वीडियो गेम रिलीज़ किया गया, जिसका नाम था ‘रेपले’

इस गेम में दिखाया गया कि किस तरह एक युवक बारी-बारी से एक माँ और उनकी दो बेटियों का पहले तो जगह-जगह पीछा करता है और फिर अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से उनके साथ बलात्कार करता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

इस गेम को साल 2009 तक अमेज़न डॉट कॉम पर भी खरीदा जा सकता था। इसके बाद कुछ लोगों के विरोध के चलते इसे कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया, जबकि कई लोगों ने इस गेम के समर्थन या बचाव में भी लेख लिखे। दलील यह दी गयी कि जब हत्या जैसे अपराध के बारे में गेम बनाये जाते हैं, तो बलात्कार के ऊपर क्यों नहीं?

कहा जा रहा है कि इसी तरह के अन्य कई रेप गेम अभी भी टीनएजर्स के लिए सुलभ हैं और उनके बीच लोकप्रिय हैं।

सामान के पैसे ले लिए लेकिन सामान आज तक नहीं आया

लखनऊ के इंदिरानगर डी-ब्लॉक, निवासी अंजनी कुमार सिंह ने नंवबर 2018 में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेज़न के खिलाफ हज़रतगंज स्थित साइबर सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवायी थी।

अपना ऑर्डर रिसीव करते कस्टमर

उनका आरोप है कि 11 नवंबर को उन्होंने फोटोशूट कैमरा ऑर्डर किया था। इसके लिए उन्होंने 19,999 रुपये का भुगतान भी कर दिया था। तय समय पर कैमरा उनके पास तक नहीं पहुंचा। शिकायत पर कंपनी की ओर से उनके रुपये भी वापस नहीं किये गये, जिस पर उन्होंने साइबर सेल में धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया।

फोन की जगह भेजा साबुन

अक्टूबर 2019 में दिल्ली के एक ग्राहक ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न से एक फोन ऑर्डर किया था, लेकिन डिलीवरी के बाद पैंकिंग खोलने पर उन्हें फोन की जगह साबुन मिला। ऐसे में ग्राहक ने ग्रेटर नोएडा के बिसरखा थाने में अमेजन कंपनी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 और 120 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया।

वर्जिन साबित करने का भी कर रहा है दावा

हाल ही में अमेज़न पर ‘आइ-वर्जिन : ब्लड फॉर द फर्स्ट नाइट’ (i-virgin – Blood for the first night) के नाम से बिकनेवाली दवा को लेकर काफी हो-हंगामा हुआ।

इस कैप्सूल के बार में अमेज़न कंपनी द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि यह एक ऐसा कैप्सूल है, जो पहली रात में नकली खून के लिए है, जो महिलाओं की वर्जिन साबित करने में सक्षम है। कंपनी का यह भी दावा है कि इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

अमेज़न में बिकने वाली आइ-वर्जिन : ब्लड फॉर द फर्स्ट नाइट कैप्सूल

उपरोक्त मामलों के अलावा कई मामले ऐसे और भी हैं, जिसमें ग्राहकों को धोखा तो मिला है, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ कोई कानूनी शिकायत नहीं की है। कारण हमारे देश में साइबर लॉ के प्रति आज भी जागरूकता का काफी अभाव है। इसी वजह से अभी भी एटीएम या बैंक धोखाधड़ी, सोशल मीडिया धोखाधड़ी आदि के नित नये मामले सामने आते रहते हैं।

 

 

 

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